चेन्नई: केन्द्र ने मद्रास उच्च न्यायालय में अपना रूख स्पष्ट करते हुए कहा है राजीव गांधी हत्या मामले के दोषियों को बिना उसकी अनुमति के रिहा नहीं किया जा सकता। कल मद्रास उच्च न्यायालय में इस मामले की दोषी नलिनी की एक याचिका की सुनवाई के दौरान दोषी ने राज्य मंत्रिमंडल की सिफारिश के अनुसार अपनी जल्द रिहाई की मांग की थी। अपर महाधिवक्ता जी राजगोपालन ने कहा कि केन्द्र की मंजूरी के बिना राज्य मंत्रिमंडल की सिफारिश के कोई मायने नहीं है।
उन्होंने दोषियों द्वारा दायर पहले के एक मामले में शीर्ष न्यायालय का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि इन दोषियों की रिहाई के लिए केन्द्र की मंजूरी जरूरी है क्योंकि केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने इस मामले की जांच की थी। इस बीच, नलिनी के वकील ने दलील दी कि दोषियों की रिहाई के लिए सितम्बर 2018 में राज्य मंत्रिपरिषद द्वारा पारित प्रस्ताव पर राज्यपाल को कार्रवाई करनी ही है।
इस पर अपर महाधिवक्ता ने कहा कि मंत्रिपरिषद का प्रस्ताव राज्यपाल को भेजी गई केवल एक सिफारिश है।