चेन्नई: मद्रास हाईकोर्ट ने 14 सितंबर को तमिलनाडु विधानसभा में सरकार को बहुमत साबित करने के लिए 20 सितंबर तक रोक लगा दी है। एआईडीएमके से निकाले जा चुके दिनाकरण ने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की मांग को लेकर एक याचिका दायर की थी।
हाईकोर्ट ने कहा कि 20 सितंबर से पहले विधानसभा में फ्लोर टेस्ट नहीं कराया जाना चाहिए। इसके साथ ही मद्रास हाईकोर्ट ने विधायकों को याचिका दायर करने के आदेश के साथ एडवोकेट जनरल से स्पष्टीकरण देने को कहा है कि क्या अध्यक्ष पी धनपाल 19 विधायकों को अयोग्य घोषित करने जा रहे हैं।
गौरतलब है कि शशिकला से पार्टी के महासचिव समेत सभी पद छीन लिए गए हैं। इसके अलावा उनके समर्थक दिनाकरण को भी पार्टी ने निकाल दिया गया है।
सीएम पलानीसामी की ओर से बुलाई गई पार्टी की जनरल काउंसिल बैठक में पिछले मंगलवार 12 सितंबर को ये फैसला लिया गया था। इससे पहले भी सीएम पलानीसामी और डिप्टी सीएम पनीरसेल्वम ने कई बैठकें की थीं. माना जा रहा है कि यह बैठक दोनों को बाहर निकालने के लिए की गई थी।
साथ ही पार्टी ने यह निर्णय लिया है कि शशिकला और दिनाकरन की ओर से लिए गए सभी फैसले पार्टी में लागू नहीं होंगे। शशिकला आय से अधिक संपत्ति के चलते जेल में हैं, जबकि दिनाकरन को रिश्वत के आरोप में सीबीआई जांच का सामना करना पड़ रहा है। उन पर पार्टी के चिन्ह के लिए रिश्वत देने का आरोप लगा है। वहीं शशिकला के पति मल्टीपल ऑर्गन फेल होने की वजह से आईसीयू में भर्ती हैं।