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नई दिल्ली: तमिलनाडु की पूर्व सीएम जे जयललिता के निधन के बाद से अन्नाद्रमुक के हुए दो धड़े के बीच सुलह का रास्ता निकल लगभग तय हो गया है। इसके तहत ओ पन्नीरसेल्वम को राज्य के मुख्यमंत्री का पद और वर्तमान सीएम ई के पलानीस्वामी को शशिकला की जहग पर पार्टी का महासचिव बनाया जा सकता है। एक अंग्रेजी समाचार पत्र में छपी खबर के अनुसार, अन्नाद्रमुक के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि विलय का समझौता हो गया है, अब दोनों धड़ों के वरिष्ठ नेताओं के बीच फैसले पर अंतिम मुहर और उसकी घोषणा के लिए एक औपचारिक वार्ता शुरू होगी। पलानीस्वामी पन्नीरसेल्वम के लिए सीएम की कुर्सी खाली करेंगे और पार्टी प्रमुख बनेंगे। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री सी विजय भास्कर के ठिकानों पर आयकर विभाग का छापा पड़ृा था, संभवतः उनको कैबिनेट से हटाया जा सकता है। राज्य के दक्षिणी क्षेत्र से पूर्व मंत्री और विधायक सेंथिल बालाजी के साथ एक या दो चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि नए मंत्रिमंडल में बालाजी को भास्कर की जगह पर लिया जा सकता है। गौरतलब है कि बालाजी ने शुक्रवार को भास्कर और लोकसभा के उपसभापति एम थम्बीदुरै के खिलाफ भूख हड़ताल करने की घोषणा की थी। उन पर करूर में एक मेडिकल कॉलेज के निर्माण में विलंब कराने का आरोप है, इस मेडिकल कॉलेज की घोषणा जयललिता ने की थी।

गौरतलब है कि अन्नाद्रमुक के धड़ों के विलय के प्रयास के तहत मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी नीत गुट ने शुक्रवार को एक समिति के गठन की घोषणा की थी और विरोधी ओ पन्नीरसेल्वम गुट ने इस पर प्रतिक्रिया यह कहकर दी कि उसकी समिति जल्द गठित होगी। पलानीस्वामी द्वारा गठित समिति की अध्यक्षता राज्यसभा सदस्य आर वैथीलिंगम करेंगे और इसमें कुछ मंत्रियों के शामिल होने की संभावना है। पन्नीरसेल्वम के सहयोगी के पी मुनुसामी ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी समर्थकों और लोगों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए हम भी एक समिति का गठन करने जा रहे हैं। इससे पहले गुरूवार को बातचीत में गतिरोध पैदा हो गया था जब ओ पन्नीरसेल्वम गुट ने विलय वार्ता के लिए पार्टी महासचिव वीके शशिकला और उप महासचिव टीटीवी दिनाकरन को औपचारिक तौर पर पार्टी से निकालने की शर्त रखी थी। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की पिछले साल पांच दिसंबर को निधन से जुड़ी परिस्थितियों की सीबीआई जांच की भी मांग की थी। विलय वार्ता के लिए अपना रुख कड़ा करते हुए पन्नीरसेल्वम गुट ने मांग की थी कि पलानीस्वामी के नेतृत्व वाला धड़ा शशिकला और दिनाकरन के अलावा उनके परिवार के 30 अन्य सदस्यों को पार्टी से औपचारिक तौर पर बर्खास्त करें।

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