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नई दिल्ली: तमिलनाडु में जल्‍लीकट्टू के मुद्दे को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुरुवार को मुलाकात की और उन्हें ताजा हालात से अवगत कराया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से सुप्रीम कोर्ट द्वारा जल्लीकट्टू पर लगाई गई रोक हटाने के लिए केंद्र सरकार से एक अध्यादेश जारी करने की अपील की। मोदी ने उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिया। पीएम मोदी ने कहा कि इस सिलसिले में एक केंद्रीय टीम तमिलनाडु भेजी जाएगी। इस बीच जल्लीकट्टू पर लगी रोक हटाने का विरोध जन-आंदोलन में बदल चुका है। लगातार तीसरे दिन गुरुवार को भी चेन्नई के मरीना बीच पर हज़ारों की संख्या में छात्र डटे हुए हैं। ये विरोध चेन्नई से लेकर राज्य के मदुरै समेत दूसरे जिलों तक फैल चुका है, जहां लोग सु्‌प्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक हटाने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जलीकट्टू तमिल परंपरा का हिस्सा है और इस पर रोक जायज़ नहीं है। अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला ने आंदोलन को अपना समर्थन दिया और कहा कि विधानसभा के अगले सत्र में जल्लीकट्टू पर से प्रतिबंध हटाने के लिये एक प्रस्ताव पारित किया जायेगा। उन्होंने छात्रों से अपना प्रदर्शन बंद करने की अपील की है। वहीं, जल्लीकट्टू के लिए इजाजत मांगने वालों में आईटी क्षेत्र के कर्मचारी तथा कई और फिल्मी कलाकार भी शामिल हो गए हैं। इस बीच, नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि केंद्र की जनवरी 2016 की अधिसूचना ने जंतु देखभाल की चिंताओं से सामंजस्य बिठाते हुए इस पारंपरिक खेल की इजाजत दी थी।

यह फिलहाल कानूनी पड़ताल के दायरे में है और अनुकूल फैसला आएगा। जावड़ेकर ने कहा, ‘जहां तक जल्लीकट्टू का मामला है, जब मैं पर्यावरण मंत्री था तब हमने एक अधिसूचना जारी की थी, जिसे उच्चतम न्यायालय ने रद्द नहीं किया है। लेकिन अधिसूचना को लागू किए जाने को रोक दिया गया। पर, मैं आश्वस्त हूं कि अधिसूचना अपने निपटारे के दौरान कानूनी पड़ताल में खरा उतरेगी।’ इस आंदोलन का केंद्र अब राज्य की राजधानी में बन गया है। हजारों छात्र और युवक मरीना बीच पर एकत्र हुए। वे इस खेल पर प्रतिबंध हटाने की मांग करते हुए कह रहे हैं कि यह तमिल संस्कृति का प्रतीक है और प्रतिबंध एक तमिल विरोधी मानसिकता को जाहिर करता है। मदुरै, शिवगंगा और पट्टुकोई से जल्लीकट्टू के प्रतीकात्मक आयोजन की खबरें हैं। वहां सांड़ों को खुला छोड़ दिया गया। जल्लीकट्टू के पारंपरिक स्थल मदुरै के अलनंगनल्लूर और तमुक्कम में लोगों का उमड़ना जारी है। अलंगनल्लूर में प्रदर्शनकारियों ने यह मांग की कि केंद्र आज शाम छह बजे से पहले जल्लीकट्टू की इजाजत के लिए अध्यादेश जारी करे।

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