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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश में फेरबदल करते हुए राज्य में ग्रीन पटाखों की बिक्री और दो घंटे के लिए पटाखे जलाने की अनुमति दे दी। अदालत ने टीएफडब्ल्यूडीए की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए कहा कि वह दूसरे पक्ष को सुने बिना हाईकोर्ट के आदेश पर रोक नहीं लगा सकती। इसके साथ ही अदालत ने तेलंगाना सरकार को निर्देश दिया कि प्रदूषण के स्तर को ध्यान में रखते हुए पटाखों पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के निर्देशों का पालन किया जाए। 

तेलंगाना में पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर प्रतिबंध को लेकर दायर एक याचिका पर गुरुवार को उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई की। यह याचिका तेलंगाना फायर वर्क्स डीलर्स एसोसिएशन (टीएफडब्ल्यूडीए) ने तेलंगाना हाईकोर्ट की ओर से 12 नवंबर को जारी फैसले को चुनौती देते हुए दायर की थी। हाईकोर्ट ने तेलंगाना सरकार को तत्काल प्रभाव से पटाखों की बिक्री और लोगों व संगठनों द्वारा दिवाली के दौरान पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। 

 

इसे चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश एएम खानविलकर और न्यायाधीश संजीव खन्ना की अवकाशकालीन पीठ ने तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश में फेरबदल किया और ग्रीन पटाखों की बिक्री और दो घंटे के लिए पटाखे जलाने की अनुमति दे दी। इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद के साथ अधिवक्ता प्रणव दिएश, मोहम्मद इब्राहिम, सीएच जयकृष्णा और एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड (एएलआर) सोमनाद्री गौड़ कटम टीएफडब्ल्यूडीए की ओर से पेश हुए थे। 

कोलकाता के मामले में नहीं दी थी राहत

इससे पहले काली पूजा के अवसर पर पश्चिम बंगाल में वायु प्रदूषण को देखते हुए पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ एक याचिका दायर की गई थी। अदालत ने बुधवार को हाईकोर्ट के आदेश में यह कहते हुए दखल देने से इनकार कर दिया था कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान जीवन बचाना अधिक महत्वपूर्ण  है। अदालत ने कहा था कि हालांकि पर्व महत्वपूर्ण हैं, लेकिन इस समय महामारी के दौर में जीवन ही खतरे में है।

कई राज्यों ने लगाई है रोक

इससे पहले एक याचिका में दो घंटे पटाखे जलाने की अनुमति देने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने से ही इनकार कर दिया था। बता दें कि राजस्थान, कर्नाटक, हरियाणा, तेलंगाना और दिल्ली सहित कई राज्यों ने कोरोना वायरस महामारी और अन्य संक्रामक बीमारियों को देखते हुए त्योहारों के मौसम में पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि, हरियाणा और कर्नाटक जैसे राज्य दो घंटे पटाखे जलाने की मंजूरी दे चुके हैं।

एनजीटी ने दिए हैं ये दिशा-निर्देश

एनजीटी ने नौ नवंबर को अपने आदेश में 30 नवंबर की मध्यरात्रि तक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सभी तरह के पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। एनजीटी ने कहा था कि पूर्ण प्रतिबंध का निर्देश देश में उन सभी शहरों और नगरों पर लागू होगा जहां नवंबर 2019 के दौरान वायु की गुणवत्ता ‘खराब’ या इससे बदतर श्रेणी में रही थी। 

हालांकि इसके साथ ही एनजीटी ने कहा था कि जिन शहरों में वायु की गुणवत्ता ‘मध्यम’ या इससे कम स्तर की है वहां हरित पटाखों की बिक्री हो सकेगी। एनजीटी ने कहा था कि दिवाली, छठ, नववर्ष, क्रिसमस जैसे त्योहारों के दौरान पटाखों के इस्तेमाल और इसे चलाने की सीमा दो घंटे तक सीमित की जाएगी, जिसे संबंधित राज्य तय कर सकते हैं।

 

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