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हैदराबाद: कोरोना की वजह से देशभर में लगाए गए लॉकडाउन के फैसले का अक्सर विरोध होता रहा है और इसे लेकर राज्य सरकारों ने भी केंद्र सरकार पर कई बार सवाल उठाए हैं। अब इस बार आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस फैसले की आलोचना की है। मंगलवार को ओवैसी ने देशभर में कोरोना वायरस की रोकथाम के वास्ते लागू किए गए लॉकडाउन को “जल्दबाजी में लिया गया अनियोजित” निर्णय करार दिया। साथ ही उन्होंने कहा, 'लॉकडाउन को आगे बढ़ाने या नहीं बढ़ाने का निर्णय लेने का अधिकार राज्यों को मिलना चाहिए।'

ओवैसी ने कहा, 'मैं लगातार लॉकडाउन की आलोचना कर रहा हूं क्योंकि यह असंवैधानिक है। अगर आप संविधान पढ़ेंगे तो पाएंगे कि राज्यों की सूची के मुताबिक कानून व्यवस्था के लिए राज्य जिम्मेदार हैं। भारत सरकार और मोदी सरकार ने संविधान की सातवीं अनुसूची का उल्लंघन किया है।' उन्होंने कहा, 'वे राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कानून का इस्तेमाल राज्य सरकारों को हुक्म देने के लिए नहीं कर सकते। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्रियों ने मोदी सरकार के इस असंवैधानिक आदेश को स्वीकार किया।” 

ओवैसी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में बैठे अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है कि राज्यों के लिए क्या सही है और क्या गलत।

ओवैसी ने कहा, 'यह निर्णय राज्यों को करना चाहिए कि लॉकडाउन कब हटाना है और कब लागू करना है, क्या खोलना है और क्या बंद रखना है। साउथ ब्लॉक या नार्थ ब्लॉक में बैठा एक अधिकारी यह कैसे जानेगा कि हैदराबाद में क्या हो रहा है या तेलंगाना के लिए क्या सही है और क्या गलत? गौरतलब है कि लॉकडाउन के पांचवें चरण में केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को दिशानिर्देश और नियम बनाने की छूट दी है।

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