संगारेड्डी: तेलंगाना के संगारेड्डी जिले में एक गांव के सरपंच ने लॉकडाउन के चलते अपने परिवार के बजाय कर्तव्य को तरजीह देते हुए अपनी मां को गांव में प्रवेश करने से रोककर वापस भेज दिया। संगारेड्डी जिले के गोसाईपल्ली गांव के सरपंच साई गौड़ की मां पिछले महीने लॉकडाउन प्रभावी होने के बाद से एक रिश्तेदार के घर में फंसी हुई थीं, जब वह लौटीं तो सपरंच ने उन्हें गांव में प्रवेश करने से रोककर वापस भेज दिया। गौड़ ने कहा, 'मुझे अपनी मां को वापस जाने के लिए कहकर बहुत दुख हुआ। मैंने गांव वालों की भलाई के लिए ऐसा किया। मैं अच्छी तरह जानता हूं कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।'
उन्होंने कहा कि तुलसम्मा (मां) किसी दूसरे गांव में संबंधी के यहां गई थीं और लॉकडाउन लागू होने के बाद से वहीं फंसी हुई थीं। वह सोमवार को गोसाइपल्ली के पास पहुंची लेकिन उन्हें वहीं रोक दिया गया, क्योंकि गांववासियों के निर्णय के बाद यहां के सभी प्रवेश और निकास द्वारों को सील किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि गांव के तीन परिवारों में कोविड-19 के संदिग्ध लक्षण दिखाई देने के बाद यह फैसला लिया गया।
गौड़ को जब अपनी मां के आने की खबर मिली तो वह उनके पास पहुंचे और लॉकडाउन का हवाला देकर उन्हें वापस रिश्तेदार के घर भेज दिया। उन्होंने मां से कहा कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद वह घर लौटें। मां ने भी हालात को समझते हुए गांव वालों की सराहना की और वापस चली गईं।