हैदराबाद: गृह मंत्रालय ने एक ट्रेनी आईपीएस अधिकारी की नियुक्ति को निलंबित कर दिया है, क्योंकि उस पर आरोप है कि वह अपने सेलेक्शन के बाद पत्नी को तलाक देने के लिए धमका रहा है। दरअसल गृह मंत्रालय ने भारतीय पुलिस सेवा के केवी महेश्वर रेड्डी की नियुक्ति को निलंबित कर दिया है, क्योंकि उसके खिलाफ इस बात की जांच चल रही है कि वह अपने सेलेक्शन के बाद पत्नी को तलाक के लिए धमका रहा है। आंध्र प्रदेश के कडपा के रहने वाले 28 वर्षीय केवी महेश्वर रेड्डी ने इस साल सीविल सर्विस की परीक्षा में 126वां रैंक हासिल की थी।
इस साल अक्टूबर में अधिकारी के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत उत्पीड़न, आपराधिक धमकी और अत्याचार के लिए मुकदमा दर्ज किया गया था। उनकी पत्नी बीरुद्दुला भवानी (28) ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। बीरुद्दुला भवानी सिकंदराबाद में भारतीय रेलवे में काम करती हैं और वह दलित समुदाय से आती हैं। रेड्डी के खिलाफ मामला दायर किए जाने के बाद, इस मामले को केंद्रीय लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा गृह मंत्रालय को भेज दिया गया, जो कि हैदराबाद में राष्ट्रीय पुलिस अकादमी और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के साथ-साथ सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है।
पुलिस ने कहा कि मैरिज सर्टिफिकेट के मुताबिक, रेड्डी और भवानी ने 9 फरवरी 2018 को शादी की थी, मगर सीविल सेवा परीक्षा पास करने के बाद रेड्डी के मन में जल्द ही दूसरे खयाल आने लगे। पत्नी भवानी का कहना है कि रेड्डी ने अपने परिवार से शादी की बात को सीक्रेट रखा। भवानी ने कहा कि रेड्डी ने अपने परिवार से अपनी शादी को गुप्त रखा था और एक अन्य महिला से शादी करना चाहते थे ताकि कि उनके ट्रेनी आईपीएस अधिकारी के रूप में नए स्टेटस से मेल खा सके।
भवानी ने आगे कहा कि जब भी मैं उनसे अपने माता-पिता से शादी के बारे में बताने के लिए कहती थी, तो वह इस मुद्दे को टाल दे देते थे। आईपीएस में चयनित होने के बाद उन्होंने खुलासा किया कि उनके माता-पिता उनके लिए शादी के एक लड़की की तलाश कर रहे हैं और ये सुनकर मैं हैरान रह गई। भवानी ने कहा कि जब रेड्डी ने उसे धमकी दी कि अगर वह उससे शादी करती है तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे, तब मैंने पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने रेड्डी को समझाने की कोशिश की, मगर उन्होंने पत्नी के तौर पर मुझे स्वीकारने से मना कर दिया और तलाक के लिए बोलने लगे। भवानी ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि सरकार से न्याय मिलेगा।
गृह मंत्रलाय से निलंबन के नोटिस में इस बात का जिक्र है कि उनकी नियुक्ति की समीक्षा की जाएगी, जब वह इस मामले में बरी साबित होते हैं।