हैदराबाद: हैदराबाद की एक मेट्रोपॉलिटन अदालत ने 2007 में हुए दोहरे बम विस्फोट के मामले में सोमवार को दो आतंकियों को मौत की सजा और एक आतंकी को उम्रकैद की सजा सुनायी। शहर में 25 अगस्त, 2007 को एक लोकप्रिय रेस्त्रां 'गोकुल चाट और लुम्बिनी पार्क में स्थित एक ओपन एयर थियेटर में दो शक्तिशाली बम विस्फोट हुए थे जिनमें 44 लोग मारे गए थे और 68 घायल हुए थे।
चार सितंबर को द्वितीय अतिरिक्त मेट्रोपॉलिटन सत्र न्यायालय के न्यायाधीश (प्रभारी) टी श्रीनिवास राव ने 11 साल पुराने मामले में अनीक शफीक सैयद और मोहम्मद अकबर इस्माइल चौधरी को दोषी ठहराया था लेकिन पर्याप्त सबूत ना होने के कारण फारूक शरफुद्दीन तर्कश और मोहम्मद सादिक इसरार अहमद शैक को बरी कर दिया था। अदालत ने पांचवें आरोपी तारिक अंजुम को सोमवार को दोषी ठहराया और उम्रकैद की सजा दी। पुलिस के आरोपपत्र में नामजद तीन और आतंकी - इंडियन मुजाहिदीन का संस्थापक रियाज भटकल, उसका भाई इकबाल और आमिर रजा खान फरार हैं। समझा जाता है कि कर्नाटक के रहने वाले भटकल भाइयों ने पाकिस्तान में शरण ली हुई है।
2016 में शुरू हुई सुनवाई
25 अगस्त, 2007 को हुए विस्फोट और उसके बाद दिलसुखनगर क्षेत्र में यहां बिना फटे बम की बरामदगी के संबंध में मामला दर्ज हुआ था। इस मामले की सुनवाई अक्तूबर 2016 में शुरू हुई जिसे इस साल जून में चेरलापल्ली केंद्रीय कारावास के परिसर में स्थित एक अदालत हॉल में स्थानांतरित कर दिया गया। अभियोजन पक्ष के अनुसार अनीक शफीक सईद ने लुम्बिनी पार्क में बम रखा था और भटकल ने गोकुल चाट पर बम रखा था। गोकुल चाट खाने-पीने के लिए लोकप्रिय स्थान है और यहां हुए विस्फोट में 32 लोगों की मौत हो गई थी और 47 घायल हो गए थे।
लुम्बिनी पार्क के ओपन एयर थियेटर में हुए विस्फोट में 12 लोगों की मौत हो गई थी और 21 लोग घायल हो गए थे। महाराष्ट्र आतंकवादी रोधी दस्ते ने इंडियन मुजाहिदीन के सदस्यों को इस संबंध में अक्तूबर 2008 में गिरफ्तार किया था। बाद में इन लोगों को गुजरात पुलिस ने हिरासत में लिया। मुकदमे के दौरान 170 चश्मदीदों के साथ पूछताछ हुई और अंतिम सुनवाई अगस्त में पूरी हुई।