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पटना: बिहार सरकार के डोमिसाइल नीति के विरोध में आज शिक्षक अभ्यर्थी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पहले ये प्रदर्शन पटना के गांधी मैदान के पास शुरू हुआ और उसके बाद डाक बंगला चौराहे पर प्रदर्शनकारी पहुंच गये। यहां इन्हें हटाने में पुलिस ने बल का प्रयोग किया और कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।

दरअसल, बिहार में अब शिक्षक बनने के लिए बिहार का स्‍थानीय निवासी होना अनिवार्य नहीं है। अन्‍य राज्‍यों के लोग भी अब बिहार में शिक्षक बनने के लिए आवेदन कर सकते हैं। बिहार के अभ्‍यर्थियों का कहना है कि ऐसा करके सरकार ने उनका हक छीना है। अब सरकार से इस संसोधन को वापस लेने की मांग में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

बिहार में शिक्षकों की भर्ती के लिए किसी भी भारतीय नागरिक को आवेदन करने की सुविधा देने के नीतीश कुमार सरकार के निर्णय पर सियासत भी शुरू हो गई है। इसका विरोध करते हुए भाकपा माले ने बुधवार को इस फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की।

भाकपा माले के बिहार सचिव कुणाल ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा, "राज्य में शिक्षकों की भर्ती में ‘डोमिसाइल' (स्थानीय नागरिक) नीति को हटाने का सरकार का निर्णय बेहद अनुचित और शिक्षक की तैयारी कर रहे बिहार के युवाओं के खिलाफ है। देश में झारखंड, मध्य प्रदेश सहित कई राज्य हैं जो राज्य सरकार की नौकरियों में ‘डोमिसाइल' नीति का पालन कर रहे हैं। हमारी पार्टी हमेशा शिक्षकों और बेरोजगार युवाओं के हितों के लिए लड़ती है। जब बिहार में हजारों बेरोजगार युवा शिक्षक की नौकरी के लिए तैयारी कर रहे हैं, वैसी स्थिति में सरकार का यह फैसला स्वीकार्य नहीं है। राज्य सरकार को अपने फैसले की समीक्षा करनी चाहिए।"

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