पूर्णिया: पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में महागठबंधन की महारैली में सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के विकास के लिए केंद्र ने कोई काम नहीं किया। भाजपा की तरफ से कोई काम देशहित में नहीं हो रहा है। बिहार को जितना मदद का भरोसा दिया गया, वह आज तक नहीं मिला। आठ साल में केंद्र की ओर से मात्र 59 लाख करोड़ की राशि मिली है।
कांग्रेस अपना स्टैंड क्लियर करे: नीतीश
पूर्णिया में एयरपोर्ट सबसे पहले बनना था, लेकिन नहीं बना। एयरपोर्ट के लिए जितनी जमीन मांगी गई, हमने दिया। अमित शाह ने पूर्णिया में आकर कह दिया एयरपोर्ट चालू हो गया, लेकिन आज तक एयरपोर्ट चालू नहीं हो पाया। नीतीश कुमार ने कहा कि कांग्रेस अपना स्टैंड क्लियर करे। हम लोग एक साथ रहेंगे तो भाजपा को 2024 के चुनाव में 100 सीट भी नहीं मिल पाएगी।
वहीं, तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारे पिता लालू यादव ने संप्रदायिक तत्वों के सामने कभी घुटने नहीं टेके। जब लालू यादव ने घुटने नहीं टेके, तो मैं भी उनका बेटा हूं।
उन्होंने कहा, भाजपा में कोई लीडर नहीं रह गया है, सब डीलर बन गया है। भाजपा नफरत की राजनीति करना चाहती है। आज भाजपा के खिलाफ जो बोलता है, उसके यहां छापा पड़ता है। भाजपा के साथ जो रहता है, वह हरिश्चंद्र हो जाता है।
जब-जब बिहार लड़ता है तब-तब दिल्ली हिलता है: तेजस्वी
तेजस्वी ने कहा कि जब-जब बिहार लड़ता है तब-तब दिल्ली हिलता है। भाजपा समाजवादी विचारधारा को खत्म करना चाहती है। नीतीश कुमार को धन्यवाद देना चाहते हैं कि आप डरे नहीं और आपने भाजपा से लड़ने का काम किया। प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री बनने की कोई इच्छा नहीं है। बस 2024 में भाजपा को हटाने और बाबा साहब के संविधान को बचाना लक्ष्य है।
डिप्टी सीएम ने कहा कि महाराष्ट्र में विधायक की खरीद फरोख्त किया गया, लेकिन बिहार में यह सफल नहीं होगा। 2024 की लड़ाई आरएसएस और भाजपा वालो से हैं। इसी मैदान में मोदी ने साल 2014 में बिहार को विशेष राज्य दर्जा देने का वादा किया था। भाजपा का जुमला बिहार में नहीं चलने वाला है। इस बार के केंद्रीय बजट में बिहार को कुछ नहीं मिला है। भाजपा ने रेल बेचा, तेल बेचा, बीएसएनएल बेचा, एलआईसी को भी बेच दिया। बिहार में जंगलराज के आरोपों पर तेजस्वी ने कहा कि यहां जनता का राज है। हम अमित शाह को बताना चाहते हैं कि बिहार के लोग बिकाऊ नहीं बल्कि टिकाऊ हैं।
लालू यादव ने कहा- लोकतंत्र बचेगा तभी राजनीति होगी
महागठबंधन की महारैली में राजद सुप्रीमो लालू यादव भी जुड़े। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लालू यादव ने दिल्ली में बैठकर महारैली को संबोधित किया। लालू यादव ने कहा कि भाजपा पार्टी नहीं है। यह आरएसएस का मुखौटा है। आरएसएस जो चाहता है, वही नरेंद्र मोदी करते हैं। भारत को बचाने के लिए एकजुटता आवश्यक है।
राजद सुप्रीमो लालू यादव ने कहा कि हम और नीतीश एक हो गए हैं। लोकतंत्र बचेगा तभी राजनीति होगी। देश और संविधान को बचाना है। पूर्णिया से संकल्प लीजिए कि किसी के बहकावे में नहीं आकर 2024 के चुनाव में इतिहास दर्ज करेंगे।
ललन सिंह बोले- दिल्ली में बैठे नेताओं को लगा 440 वोल्ट का झटका
वहीं, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि बिहार में महागठबंधन बनने के बाद दिल्ली में बैठे नेताओं को 440 वोल्ट का झटका लगा है। इसके बाद भाजपा नेताओं की तरफ से लालू यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में काफी अनाप-शनाप कहा गया। भाजपा ऐसी पार्टी है जिस में शामिल होते ही वाशिंग मशीन की तरह नेता साफ हो जाते हैं। लोकतंत्र को बचाने के लिए भारत भाजपा मुक्त बनाना जरूरी है।
युवाओं के दिल में रहते हैं तेजस्वी- मंत्री लेसी सिंह
वहीं, जदयू की मंत्री लेसी सिंह और पूर्णिया सांसद संतोष कुशवाहा ने पहले संबोधित किया। लेसी सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने बापू के विचारों को जन-जन तक पहुंचाया है। तेजस्वी यादव युवाओं के दिल में रहते हैं। केंद्र से नरेंद्र मोदी को हटाना है।
जीतन राम मांझी ने महंगाई मुद्दे पर भाजपा को घेरा
महारैली को संबोधित करते हुए हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने कहा कि वर्तमान केंद्र की सरकार जुमलों की सरकार है। दो करोड़ हर साल नौकरी देने का वादा था लेकिन मिला कुछ नहीं। महंगाई रोकने की बात कही थी, लेकिन महंगाई आकाश छू रही है। गैस के दाम आसमान छू रहे हैं। लोग महंगाई से त्रस्त हैं।
जीतन राम मांझी ने कहा कि भाजपा की सरकार संविधान से खिलवाड़ कर रही है। सभी चीजों को प्राइवेट सेक्टर में ले जा रहे हैं और आरक्षण समाप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार केंद्र में रहेगी तो भारत को बर्बाद कर देगी। हिंदुस्तान टुकड़े-टुकड़े में बंट जाएगा। हर हालत में 2024 और 2025 में बीजेपी को हटाने का काम करें।
बता दें कि राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन के सभी घटक दल पूर्णिया में एक मंच पर जुटकर भाजपा मुक्त भारत बनाने का आवाह्न कर रहे हैं। पिछले साल 10 अगस्त को महागठबंधन की सरकार बनने के बाद यह पहला अवसर है, जब सभी दल एक साथ साझा उद्देश्य से मंच पर जुटे हैं। इसी मंच से यह भी तय हो जाएगा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किए जाते हैं या नहीं।