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पटना: मेधा घोटाले से बिहार की छवि पर असर पड़ा है। यह मानना है खुद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का। शुक्रवार को नीतीश ने पटना में पुल निर्माण निगम के एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए साफ शब्दों में अभियंताओं से कहा कि गुणवत्ता पर पूरा ध्यान रखना चाहिए नहीं तो एक पुल के निर्माण में खामी निकलने के कारण बाकी के बने उच्च गुणवत्ता के काम पर भी सवालिया निशान लग जाता है। इसी संदर्भ में नीतीश ने कहा कि टॉपर्स घोटाला आया और एक जगह गड़बड़ हुई, तो बिहार की छवि पर क्या असर हुआ। हालांकि नीतीश ने दवा किया कि इस मामले के प्रकाश में आने के बाद उन्होंने तुरंत अपराधिक मामला दर्ज करने के आदेश दिए, लेकिन यह पहली बार है कि नीतीश कुमार ने दो टूक शब्दों में माना कि इस घोटाले के कारण बिहार की छवि पर प्रतिकूल असर पड़ा है। फिलहाल इस मामले में तीन मुख्य अभियुक्त बच्चा राय, लल्कस्वर प्रसाद और उनकी पत्नी और जनता दाल यूनाइटेड से अब बर्खास्त पूर्व विधायक उषा सिन्हा जेल की सलाखों के पीछे हैं। हालांकि पुलिस ने रिमांड पर लेकर इन तीनों से अलग-अलग पूछताछ की है। शनिवार को एक साथ इन तीनों से पहले पूछताछ की जाएगी और जरूरत पड़ी तो उन्हें आमने-सामने कर सवालों के जवाब मांगे जाएंगे। लेकिन इस मामले की जांच कर रही स्पेशल टास्क फोर्स का मनना है कि न केवल यह तीन बल्कि इस घोटाले को अंजाम देने में इनके कुछ सहयोगी और परिवार वालों के अलावा बिहार बोर्ड के कई कर्मचारी और बिहार विश्वविद्यालय के कई अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल हैं।

उन्हें आने वाले दिनों में गिरफ्तार कर पूछतछ की जाएगी। इस मामले की जांच में अब आर्थिक अपराध विभाग को भी लगाया गया है ताकि इन लोगों द्वारा पिछले कुछ वर्षों में अर्जित की गई सम्पत्ति का न केवल पता लगाया जाए बल्कि उसको जब्त करने की औपचारिक प्रक्रिया भी शुरू की जाए। इस बीच पुलिस को इस बात के ठोस सबूत मिले हैं कि बिहार बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लल्कस्वर प्रसाद ने अपने रिश्तेदारों और निजी सचिव के बीच काम का बंटवारा कर रख था, जैसे उनके दामाद, विवेक कुमार प्रिंटिंग के टेंडर मैनेज करते थे तो उनका रिश्तेदार और निजी सचिव विकास चन्द्र कालेजों को मान्यता दिलाने के अलावा अनुदान के मामलों की डीलिंग करता था। इस बीच एक और टॉपर रूबी राय को शनिवार तक पुलिस के सामने पेश होने का अंतिम मौका दिया गया है। इसके बाद बिहार बोर्ड न केवल उनका रिजल्ट रद करने की प्रक्रिया शुरू करेगा बल्कि पुलिस उनके खिलाफ वारंट के लिए भी कोर्ट में अर्जी देगी।

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