पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को 'डियर' संबोधित करने के अपने आधार पर डटे रहे और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आशा भोसले को इस शब्द से संबोधित करने सहित कई संदर्भों का हवाला दिया। चौधरी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर केंद्रीय श्रममंत्री बंडारू दत्तात्रेय की तरफ से ईरानी को लिखे गए एक पत्र में 'डियर' का हवाला दिया और आरोप लगाया कि वह इस मामले पर 'दोहरा रुख' अपना रही हैं। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री के साथ ट्विटर पर अपनी बहस का हवाला देते हुए चौधरी ने कहा, 'आपको दूसरों का 'डियर' कहना ठीक लगा, लेकिन मैंने यही किया तो आपत्ति हो गई।' बिहार के शिक्षा मंत्री ने एक ट्वीट को भी रीट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि 'डियर' जेंडर न्यूट्रल है और ईरानी को 'रेन एंड मार्टिन' की ग्रामर किताब पढ़ने की सलाह दी। बिहार कांग्रेस के भी अध्यक्ष चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले की ट्वीट का जिक्र किया, 'डियर आशाभोसले ताई, आपके बेटे के निधन पर मर्माहत हूं। दुख की इस घड़ी में मेरी भावनाएं आपके साथ है।' बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी चौधरी का पक्ष लिया और इस विवाद को जातिवादी रंग देते हुए कहा कि 'क्या एक दलित डियर नहीं कह सकता?' उधर कांग्रेस कार्यकर्ता भी 'डियर' की जंग में शामिल हो गए और पटना में पार्टी मुख्यालय सदाकत आश्रम पहुंचने पर अपने मंत्री को 'डियर अशोक चौधरीजी' कहकर संबोधित किया।
गौरतलब है कि बिहार के शिक्षा मंत्री ने मंगलवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकासमंत्री को 'डियर' कहकर संबोधित किया था, जिसके बाद दोनों के बीच ट्विटर पर वाकयुद्ध छिड़ गया।