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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

पटना: बिहारशरीफ के चर्चित नाबालिग रेपकांड में राजद से निलंबित विधायक राजबल्लभ यादव को उम्रकैद की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश परशुराम सिंह यादव ने सजा सुनाई है। बता दें कि कोर्ट ने पिछले दिनों नाबालिग से रेप के आरोपित विधायक राजबल्लभ यादव सहित सुलेखा देवी, राधा देवी, टुन्नी कुमारी, संदीप सुमन और छोटी कुमार उर्फ अमृता को इस मामले में दोषी करार दिया था।

एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट ने दोषी ठहराया

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जनप्रतिनिधियों के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों की तेजी से सुनवाई के लिए राज्य में मार्च 2018 में विशेष कोर्ट बनाया गया। इसी आदेश के आलोक में पटना सिविल कोर्ट के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश परशुराम सिंह यादव को एमपी-एमएलए कोर्ट का विशेष न्यायाधीश बनाया गया।

बिहार के सभी जिलों की अदालतों में चल रहे जनप्रतिनिधियों के खिलाफ करीब तीन सौ आपराधिक कांडों को इस कोर्ट में ट्रांसफर किया गया। मार्च से अबतक विशेष कोर्ट ने 20 से अधिक आपराधिक मामलों का निपटारा किया। साक्ष्य के अभाव में कई आरोपी बरी हो गए। यह पहला आपराधिक कांड है, जिसमें विशेष कोर्ट ने दोषी ठहराया है।

बिहारशरीफ में वर्ष 2016 में दर्ज हुई थी प्राथमिकी

इस घटना के संबंध में बिहारशरीफ महिला थाने में 9 फरवरी 2016 को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने राजवल्लभ यादव समेत छह आरोपियों पर आरोप पत्र दाखिल किया था। बिहारशरीफ सिविल कोर्ट के पॉस्को कोर्ट ने 6 सितबंर 2016 को आरोप का गठन किया था। इसके बाद सरकार द्वारा नियुक्त विशेष लोक अभियोजक ने अभियोजन की ओर से गवाही कराई। सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश पर इस कांड को पटना के एमपी-एमएलए कोर्ट में स्थानांतरित किया गया। फिर सभी आरोपितों को बिहारशरीफ जेल से पटना के बेउर जेल भेज दिया गया। इसके बाद एमपी-एमलए कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। पटना हाईकोर्ट के एक आदेश पर प्रतिदिन सुनवाई चल रही थी।

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