नई दिल्ली: भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक बार फिर ऐसा बयान दिया है जिस पर विवाद खड़ा हो गया है। गिरिराज सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे पर कहा 'अब हिंदुओं का सब्र टूट रहा है। मुझे भय है कि हिंदुओं का सब्र टूटा तो क्या होगा?. गिरिराज सिंह के इस बयान के बाद विपक्षी दलों ने उन पर निशाना साधा है।
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने गिरिराज सिंह पर हमला बोलते हुए कहा कि किसी का सब्र नहीं टूटा है। आप हमसे बड़े हिंदू नहीं हैं। ठेकेदार मत बनिये। तेजस्वी ने कहा कि आपको चुनाव का डर है। ये मगरमच्छी रोना रोने से फ़ुर्सत मिले तो युवाओं की नौकरी, विकास और जनता की सेवा की बात करिए। तेजस्वी यादव ने गिरिराज सिंह के बहाने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी निशाने पर लिया और कहा अपने दोस्त 'पलटूराम' की तरह बेमतलब बिहारियों को बदनाम मत करिए।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में आज अयोध्या में ज़मीन विवाद मामले की सुनवाई टल गई है। अब जनवरी में तय होगा कि सुनवाई कब होगी। सीजआई रंजन गोगोई ने कहा कि जनवरी में उचित बेंच सुनवाई की तारीख तय करेगी। इस दौरान एसजी तुषार मेहता व अन्य पक्षकारों ने जल्द सुनवाई की मांग की, लेकिन पीठ ने कहा कि जनवरी में ही उचित बेंच तय करेगी कि कब से सुनवाई हो। आपको बता दें कि आज कुल दो मिनट ही सुनवाई हुई। अभी यह नहीं कहा जा सकता कि उचित बेंच में सीजआई गोगोई होंगे या नहीं। आज सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की बेंच ने सुनवाई की। चीफ जस्टिस की बेंच को ये तय करना था कि इस मामले की कब से सुनवाई की जाए और रोजाना सुनवाई की जाए या नहीं। इससे पहले 27 सितंबर को तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की बेंच ने 2:1 के बहुमत से फैसला दिया था कि 1994 के संविधान पीठ के फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत नहीं है, जिसमें कहा गया था कि मस्जिद में नमाज पढना इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है।