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नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आईआरसीटीसी होटल आवंटन धनशोधन मामले में शुक्रवार को राजद प्रमुख लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और अन्य के खिलाफ अपना पहला आरोप-पत्र दायर किया। ईडी का आरोप है कि पुरी और रांची स्थित रेलवे के दो होटलों के अधिकारों के सब-लीज कोचर के स्वामित्व वाली मेसर्स सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड को दिए जाने में प्रसाद और आईआरसीटीसी के अधिकारियों ने अपने पदों का दुरूपयोग किया।

धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत एक विशेष अदालत के समक्ष दायर की गई अभियोजन शिकायत (आरोप-पत्र) में ईडी ने प्रसाद के छोटे बेटे और बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, राजद के नेता पीसी गुप्ता और उनकी पत्नी सरला गुप्ता, लारा प्रोजेक्ट्स नाम की एक कंपनी और 10 अन्य को नामजद किया है। लीज के बदले दी गई थी जमीन होटल की सब-लीज के बदले पटना के एक प्रमुख स्थान की जमीन मेसर्स डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (राजद सांसद पीसी गुप्ता के परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी) को दे दी गई थी। उस वक्त के सर्किल दरों से काफी कम दर पर यह जमीन कंपनी को दी गई थी।

ईडी ने आरोप-पत्र में कहा है, काफी महंगी जमीन से लैस वह कंपनी धीरे-धीरे राबड़ी देवी और तेजस्वी को ट्रांसफर कर दी गई। बहुत ही मामूली कीमत पर शेयर खरीद कर ऐसा किया गया। 151 कंपनियों के जरिये धनशोधन किया गया एजेंसी ने कहा, जमीन हासिल करने के लिए इस्तेमाल में लाई गई धनराशि संदिग्ध स्रोत से आई थी और मेसर्स अभिषेक फाइनेंस कंपनी लिमिटेड नाम की एक एनबीएफसी का इस्तेमाल करके पीसी गुप्ता से जुड़ी 151 कंपनियों के जरिये धनशोधन किया गया था।

इसके बाद राबड़ी देवी और तेजस्वी ने उचित बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर मेसर्स डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के शेयर खरीदे थे। आरोप-पत्र के मुताबिक, यह गौर करने लायक है कि राबड़ी देवी की ओर से शेयरों की खरीद के लिए इस्तेमाल किए गए धन सवालों के घेरे में हैं और तेजस्वी ने जिनसे शेयर खरीदे, उन्होंने वह शेयर अपने पास होने से इनकार किया है। सीबीआई ने भी आरोप पत्र दायर किया था सीबीआई ने भी कुछ समय पहले इस मामले में एक आरोप-पत्र दायर किया था।

सीबीआई ने अपनी एफआईआर में आरोप लगाया था कि लालू प्रसाद ने यूपीए -1 सरकार में रेल मंत्री रहते पटना में एक प्रमुख भूमि के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेम चंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता के स्वामित्व वाली बेनामी कंपनी से रिश्वत मिलने के बाद 2004 में दो आईआरसीटीसी होटलों के रखरखाव का जिम्मा सौंप दिया था।

ईडी ने सीबीआई की इस एफआईआर के आधार पर पीएमएलए के तहत लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था। सीबीआई एफआईआर में नामित अन्य लोगों में विजय कोचर, विनय कोचर (सुजाता होटल के दोनों निदेशक), डिलाइट मार्केटिंग कंपनी जिसे अब लारा प्रोजेक्ट्स के नाम से जाना जाता है, और आईआरसीटीसी के तत्कालीन प्रबंध निदेशक पीके गोयल शामिल हैं।

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