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पटना: विभिन्न मांगों को लेकर मध्यप्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों के किसान विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने 1 जून से 10 जून गांव बंद का ऐलान किया है। इन सबके बीच केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह से जब मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने बेतुका तर्क दिया। कृषि मंत्री ने कहा कि मीडिया में आने के लिए किसान ऐसा करते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के हित में सबसे ज्यादा काम मध्यप्रदेश में ही किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में करोड़ों की संख्या में किसान हैं। ऐसे में कुछ किसानों का प्रदर्शन मायने नहीं रखता है।

गौरतलब है कि 'गांव बंद' के दौरान एक जून से 10 जून तक किसान अपने उत्पादन (फल, सब्जी, दूध और अनाज) शहर नहीं भेजेंगे। राष्ट्रीय किसान महासंघ की अगुवाई में करीब 170 किसान संगठन इसमें भाग ले रहे हैं। जिसके चलते आंदोलन के एक दिन पहले से ही थोक व्यापारी, फुटकर व्यापारी और ग्राहक आंदोलन को लेकर सचेत हो गए थे। कई लोगों ने आंदोलन के पहले से ही घरों में सब्जियों और फलों का स्टॉक रखना शुरू कर दिया था। वहीं, थोक व्यापारियों ने भी सीजनल हरी सब्जी टिंडे, गिलकी, तुराई, कद्दू, भट्टे, गोभी और बैगन का स्टॉक बढ़ा लिया है।

आंदोलन के मिजाज को देखते हुए सब्जीमण्डी में बिक्री डबल-ट्रिपल अनुपात में बढ़ी हुई है।

बिहार के विशेष राज्य की मांग के सवाल पर राधामोहन सिंह ने कहा कि 14वें वित्त आयोग ने बैठक में केंद्र और राज्य के बीच के मामले में राज्यों के कर का हिस्सा बढ़ा दिया था और पंद्रहवें वित्त आयोग का रिपोर्ट आने पर इसे देखा जाएगा। पेट्रोल डीजल की बढ़ी कीमत और किसानों को हो रही असुविधा को लेकर कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार इसको लेकर गंभीर है और इस पर नज़र रखी जा रही है।

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