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नई दिल्ली: जदयू उत्तर-पूर्व से लेकर राजस्थान तक अपने आधार को मजबूत करने में लगा है। इस साल के अंत में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में राजस्थान में संगठन को मजबूत करने के लिए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 30 मई को बांसवाड़ा जायेंगे। बांसवाड़ा प्रसिद्ध समाजवादी नेता मामा बालेश्वर दयाल की कर्मभूमि रही है। बांसवाड़ा मध्यप्रदेश और गुजरात की सीमा पर है और इस इलाके के आदिवासी क्षेत्रों में बालेश्वर दयाल ने काफी काम किया है। वह 1978 में राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं।

पार्टी महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि मामा बालेश्वर दयाल से नीतीश कुमार के पुराने संबंध रहे हैं। उनके आशीर्वाद से कई सांसद और विधायक बने हैं। मुख्यमंत्री के राजस्थान दौरे की बेचैनी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शरद यादव की पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल के अध्यक्ष भी बांसवाड़ा के रहने वाले पूर्व विधायक फतेह सिंह को बनाया गया है।

चुनाव से पहले उत्तर-पूर्व में संगठन को मजबूत करने के लिए जदयू 20 मई को मणिपुर में राजनीतिक सम्मेलन करने जा रहा है। इसके अलावा वहां पार्टी मुख्यालय का भी उद्घाटन किया जायेगा। सम्मेलन के मुख्य अतिथि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी होंगे। मुख्य वक्ता राज्यसभा सांसद हरिवंश और राष्ट्रीय सचिव अफाक अहमद खान के अलावा नागालैंड जदयू चुनाव समिति के अध्यक्ष व मंत्री मोनडेमो होमसी, प्रदेश महासचिव कितोहो रोटाखा, मणिपुर के प्रदेश अध्यक्ष पाओ हाइथू इसमें शामिल होंगे।

उत्तर-पूर्व को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी गंभीर हैं। इसी को देखते हुए पार्टी महासचिव केसी त्यागी, राज्यसभा सांसद हरिवंश और राष्ट्रीय सचिव अशफाक अहमद की तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गयी है, जो उत्तर-पूर्व में पार्टी का आधार तैयार करने की दिशा में काम कर रही है। सम्मेलन से एक दिन पहले कमेटी के तीनों सदस्य और मणिपुर, नागालैंड और मणिपुर के प्रदेश अध्यक्ष वहां पहुंचकर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से विचार-विमर्श करेंगे।

केसी त्यागी ने बताया कि कि उत्तर-पूर्व समाजवादियों का गढ़ रहा है. 1952 और 1957 में मणिपुर से सोशलिस्ट पार्टी के सांसद चुने गये थे. लोहिया और जेपी अक्सर इन राज्यों का दौरा करते थे। 2002 में जाॅर्ज फर्नांडीस और नीतीश कुमार के दौर में मणिपुर में समता पार्टी की सरकार भी रही है। इसे देखते हुए पार्टी ने अगले लोकसभा चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष को उम्मीदवार बनाने पर विचार कर रहे हैं। मालूम हो कि जदयू नागालैंड और मणिपुर में हुए विधानसभा चुनावों में भी उतरा था और नागालैंड में वह सरकार में शामिल है।

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