भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात के दो दिन बाद ही पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भोपाल में शराबबंदी अभियान में उग्र रूप दिखाया। रविवार को वह भेल बरखेड़ पठानी की आजाद नगर बस्ती में पहुंचीं और शराब दुकान के सामने खड़ी हो गईं। देखते-देखते भीड़ जमा हो गई। इस दौरान उमा भारती ने शराब की दुकान में घुसकर शराब की बोतलों पर पत्थर मारा। बोतलें टूटने पर समर्थक नारा लगाने लगे। शराब की दुकान के पास पहुंचीं महिलाओं ने उमा भारती को बताया कि शराब दुकान को हटवाने की कोशिश कई बार की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली। बस्ती की महिलाओं ने उमा भारती के इस कदम की प्रशंसा की, वहीं शराब दुकान के कर्मचारी और पुलिसकर्मी तोड़फोड़ के समय शांत रहे।
महिलाओं ने सुनाई व्यथा
उमा भारती रविवार शाम साढ़े पांच बजे भेल बरखेड़ा पठानी आजाद नगर 80 फीट रोड पर पहुंची थीं।
वह आजाद नगर की महिलाओं से मिलीं। महिलाओं ने उन्हें बताया कि उनके पति शराब के नशे में रोजाना मारपीट करते हैं। घर-परिवार चलाने के लिए पैसे नहीं देते हैं। जो भी मेहनत-मजदूरी करके पैसे कमाते हैं सब शराब पीने में खर्च कर देते हैं। यह सुनकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को गुस्सा आ गया। वह स्थानीय लोगों के साथ शराब की दुकान पर पहुंचीं और एक पत्थर उठाकर दुकान में रखी बोतलों पर मारा।
ट्वीट कर दी चेतावनी
शराब की दुकान में तोड़फोड़ के बाद उमा भारती ने एक के बाद एक तीन ट्वीट कर जिला प्रशासन को आजाद नगर बस्ती की शराब दुकान बंद कराने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने हर बार दुकान बंद करने का आश्वासन दिया, लेकिन कई साल से बंद नहीं की गई। मजूदरों की पूरी कमाई इन दुकानों पर फुंक जाती है, यहां के निवासियों व महिलाओं ने आपत्ति की। विरोध में धरने भी दिए, क्योंकि यह दुकान शराब की नीति के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि आजाद नगर मजदूरों की बस्ती है। पास में शिव जी का मंदिर है। छोटे बच्चों का स्कूल भी है।
उमा अपनी ही सरकर में असहाय: कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट कर कहा है कि उमा भारती अपनी ही सरकार में कितनी असहाय हो चुकी हैं। तीन बार शराबबंदी की तारीख देकर गायब रहीं प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री अब शराब की दुकान में खुद पत्थर बरसा रही हैं। क्या उमा भारती अब पत्थर उठाकर शराबबंदी कराएंगी। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि एक पूर्व मुख्यमंत्री को अपनी सरकार में यह सब करना पड़े तो समझा जा सकता है। सलूजा ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में शराब को सस्ती व शराब दुकानों को दोगुनी कर रहे हैं तो दूसरी तरफ उनकी पार्टी के नेता हाथों में पत्थर लेकर मैदान में उतर आए हैं। वैसे कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए। यह अपराध है, विरोध के कई अन्य लोकतांत्रिक तरीके भी हैं।
भाजपा ने कहा, शराबबंदी उमा भारती का निजी कार्यक्रम
शराब की दुकान में तोड़फोड़ के बाद भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि उमा भारती का यह कदम उनके और प्रशासन के बीच का मामला है। पार्टी के प्रवक्ता डा. हितेश वाजपेयी ने कहा कि यह भाजपा का तय कार्यक्रम नहीं है। इसलिए इस पर टिप्पणी करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि यह उमा भारती का निजी मामला है। इस आंदोलन का तरीका उनका है। पूरे आंदोलन को लेकर वह बता भी रही हैं कि उन्होंने कोई फैसला लिया तो क्यों लिया।