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भोपाल: मध्य प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के घुटने तोड़ने के बयान पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस में चल रहा शीत युद्ध गांधीगीरी तक पहुंच गया। बुधवार को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ हुजूर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा के बंगले पर रामधुन गाते हुए जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राजभवन के सामने धरना दिया। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी कार्यकर्ताओं के साथ करीब एक घंटे तक धरने पर बैठे रामधुन गाते रहे।

पिछले दिनों विधायक रामेश्वर शर्मा ने कलखेड़ा गांव में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेसियों के आने पर उनके घुटने तोड़ने की बात कही थी। इस पर कांग्रेसी गांधीगीरी करते हुए रामेश्वर शर्मा को गांधीजी की प्रतिमा सौंपने रामधुन गाते हुए उनके बंगले पर जा रहे थे। पुलिस ने विधायक रामेश्वर शर्मा के आवास पहुंचने वाले सभी मार्ग बंद कर दिए थे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं के संभावित टकराव को टालने के लिए यह कदम उठाया गया।

उधर, विधायक रामेश्वर शर्मा ने दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में निकले कांग्रेसियों के स्वागत की तैयारियां कर ली थीं। सुबह से ही उनके आवास पर रामधुन और हनुमान चालीसा का पाठ प्रारंभ हो गया था। उन्होंने अपने शासकीय आवास पर टेंट लगवाने से लेकर स्वल्पाहार की व्यवस्था की थी। बुधवार को जब साढ़े 11 बजे दिग्विजय सिंह मिंटो हाल परिसर से रामुधन के साथ आगे बढ़े तो राजभवन के आगे मालवीय नगर जाने वाले मुख्य मार्ग पर पुलिस ने बैरिकेड लगाकर उन्हें आगे जाने से रोक दिया। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को काफी समझाने की कोशिश की कि यह कोई आंदोलन नहीं है, हम रामधुन करते हुए आगे जा रहे हैं पर अनुमति नहीं दी गई। इस पर दिग्विजय धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि मैं तो रामभक्त हूं और हमेशा रहूंगा। विधायक रामेश्वर शर्मा नौटंकी कर रहे हैं। भगवान उन्हें और भाजपा को सदबुद्धि दे। भाजपा जब डरती है तब पुलिस को ही आगे करती है।

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