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भोपाल: आईआरसीटीसी की रामायण एक्सप्रेस में वेटरों को साधुओं की वेशभूषा पहनाए जाने पर संत समाज ने आपत्ति जताई है। उज्जैन के स्वस्तिक पीठाधीश्वर और उज्जैन के अखाड़ा परिषद के पूर्व महामंत्री डॉ.अवधेशपुरी महाराज ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने इस बारे में रेल मंत्री अश्विन वैष्णव को चिट्ठी लिखी है। इसमें वेटरों की वेशभूषा तुरंत बदलने की मांग की गई है। साथ ही यह चेतावनी भी दी गई है कि अगर ड्रेस नहीं बदली गई तो रामायण एक्सप्रेस को चलने नहीं दिया जाएगा।

रामायण एक्सप्रेस ट्रेन में रेस्टोरेंट में इस तरह से हिंदू संतों का अपमान न किया जाए। हिंदू संत के वेशभूषा में लोगों का जूठन उठाना बंद किया जाए । वैसे उम्मीद नही है कि कोई ब्राह्मण नेता मुँह खोलेगा पर यह उनके लिए भी लिटमस टेस्ट है। कुर्सी के लिए इतना तो ना गिरो।

गौरतलब है कि आईआरसीटीसी ने सात नवंबर से रामायण एक्सप्रेस ट्रेन शुरू की है। इसमें श्रद्धालुओं को अयोध्या, चित्रकूट समेत भगवान राम से जुड़े धार्मिक स्थलों की यात्रा कराई जा रही है।

आईआरसीटीसी की इस ट्रेन का एक विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

इसमें ट्रेन में तैनात वेटर संतों की तरह भगवा रंग के कपड़े पहने हुए लोगों को खाना परोस रहे हैं। बाद में यह लोगों के जूठे बर्तन आदि भी उठा रहे हैं।

अवधेशपुरी महाराज का रेल मंत्री को पत्र

रामायण एक्सप्रेस में वेटरों की वेशभूषा का सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो की तस्वीरों के साथ उज्जैन के अखाड़ा परिषद के पूर्व महामंत्री और स्वस्तिक पीठाधीश्वर के डॉ. अवधेशपुरी महाराज ने रेल मंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने रेल मंत्री को कहा है कि साधुओं की वेशभूषा में वेटरों की गतिविधियों से हिंदू भावनाएं आहत हो रही हैं। इन वेटरों की ड्रेस को तत्काल बदला जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर ड्रेस नहीं बदली गई तो ट्रेन को साधु-संत कहीं भी रोक देंगे। साथ ही कहा है कि दूसरी रामायण एक्सप्रेस में भी इसका ध्यान रखा जाए।

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