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भोपाल: भोपाल जेल से भागे कैदियों को काफी नज़दीक से गोली मारे जाने का एक वीडियो सामने आने के बाद पुलिस कार्रवाई पर उठे गंभीर सवालों के बीच मध्य प्रदेश की जेलमंत्री कुसुम मेहदाले ने पत्रकारों से बातचीत में कुछ 'कमियों' को कबूल किया, लेकिन कहा, "आप लोगों को हमारी तारीफ करनी चाहिए कि हमने आरोपियों के भाग निकलने के बावजूद उन्हें मार गिराया।" मारे गए आठों लोग प्रतिबंधित संगठन सिमी (स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) के सदस्य थे, और हत्या से लेकर देशद्रोह तक के आरोपों में जेल में बंद थे। लेकिन कड़ी सुरक्षा वाली इस जेल से कैदियों के निकल भागने के बारे में अधिकारियों के दावों और उन्हें मार गिराए जाने के वीडियो में मिली जानकारियों में विरोधाभास है। पुलिस का दावा है उन लोगों ने 30 फुट ऊंची जेल की दावार फांदने से पहले एक सुरक्षा गार्ड को मार डाला, जबकि एक मंत्री ने कहा कि उन लोगों ने कई चादरों को एक साथ बांध लिया था। उधर, इन कैदियों के भोपाल से सटे घने जंगल वाले इलाके में पाए जाने के बाद शूट किए गए एक वीडियो, जिसे कथित रूप से एक पुलिस वाले ने ही बनाया, में आवाज़ें सुनाई देती हैं कि गोलीबारी का वीडियो क्यों शूट किया जा रहा है, और एक और आवाज़ आती है, "इसकी छाती में गोली मार दो।" देश की सर्वोच्च आतंकवाद-विरोधी संस्था नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को मुठभेड़ की जांच की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। मध्य प्रदेश की जेलमंत्री कुसुम मेहदाले ने पत्रकारों से बातचीत में यह भी कहा, "मैं मानती हूं कि कुछ कमियां रह गईं,हो सकता है, जेल में लगे कुछ सीसीटीवी कैमरे काम न कर रहे हों, वे लोग जेल की दीवार पर चढ़ने में कैसे कामयाब हुए, मैं नहीं जानती।"

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