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पुणे: पुणे पोर्शे कार एक्सीडेंट केस में नाबालिग आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल को पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सुरेंद्र अग्रवाल ने ड्राइवर को धमकाया और उसे घर नहीं जाने दिया। ड्राइवर ने सुरेंद्र अग्रवाल के खिलाफ पुलिस कंप्लेंट दायर की है, जिसके आधार पर सुरेंद्र अग्रवाल पर अपहरण के भी चार्ज लगाए जाएंगे। आईपीसी की धारा 365, 366 और अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

ड्राइवर को धमकाने का है आरोप

इससे एक दिन पहले शुक्रवार को पुणे पुलिस प्रमुख अमितेश कुमार ने कहा था कि यह साबित करने का प्रयास किया गया है कि कार ड्राइवर नहीं चला रहा था। एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘एक्सीडेंट के बाद नाबालिग के दादा और पिता ने ड्राइवर का फोन कथित तौर पर ले लिया, उसे 19 मई से 20 मई तक उनके बंगले के परिसर में बंधक बनाकर रखा। ड्राइवर की पत्नी ने उसे छुड़ाया।’’ इससे पहले शुक्रवार को नाबालिग आरोपी को कोर्ट ने 14 दिनों (5 जून तक) की न्यायिक हिरासत में सुधार गृह में भेज दिया था।

नाबालिग रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल का बेटा है। पुलिस पहले ही विशाल अग्रवाल को गिरफ्तार कर चुकी है। उन्हें कोर्ट ने शुक्रवार (24 मई) को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

19 मई की है घटना

पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को नाबालिग ने अपनी पोर्शे कार से मोटर साइकिल सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में दोनों की मौत हो गई थी।

पुलिस ने दावा किया है कि नाबालिग नशे की हालत में कार चला रहा था। बाद में नाबालिग को जमानत मिल गई। इसके बाद मामले ने देशभर में सुर्खियां बटोरी और पुलिस को खूब आलोचना मिली। इसके बाद पुलिस ने नए सिरे से कार्रवाई शुरू की। शुक्रवार को ही लापरवाही के आरोप में दो पुलिसकर्मी एसआई और एएसआई को सस्पेंड कर दिया गया है।

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