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मुंबई: वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) के नेता प्रकाश आंबेडकर को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का न्योता मिला। इस न्योते का जवाब उन्होंने ट्रस्ट को भेजा और कहा कि वो इसमें शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि इस समारोह को बीजेपी और आरएसएस ने हथिया लिया है। ये धार्मिक समारोह चुनावी फायदे के लिए एक राजनीतिक अभियान बन चुका है।

बाबासाहेब आंबेडकर ने खतरे से चेताया था... 

प्रकाश आंबेडकर ने कहा, "मेरे दादा डॉ बाबासाहेब आंबेडकर ने चेताया था कि अगर राजनीतिक पार्टियां धर्म, पंथ को देश से ऊपर रखेंगी तो हमारी आजादी दूसरी बार खतरे में आ जाएगी। इस बार शायद हम उसे हमेशा के लिए खो देंगे। आज ये डर सही साबित हो गया है। धर्म, पंथ को देश से ऊपर रखने वाली बीजेपी-आरएसएस अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस समारोह को हड़प चुकी है।" बता दें कि प्रकाश आंबेडकर इंडिया गठबंधन का अभी तक हिस्सा नहीं हैं। लेकिन उन्हें इस गठबंधन में शामिल होने की कवायद चल रही है।

शरद पवार को भी मिल चुका है न्योता

इससे पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार को भी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का न्योता मिला। उन्होंने ने भी जाने से इंकार कर दिया और कहा कि बाद में जाएंगे। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को जब प्राण प्रतिष्ठा पूरी हो जाएगी उसके बाद समय निकालकर वे सहजता से दर्शन के लिए आएंगे। उन्होंने कहा, "मेरा अयोध्या आने का कार्यक्रम है, उस समय श्रद्धा के साथ श्री रामलला जी के दर्शन करूंगा। तब तक राम मंदिर का निर्माण भी पूर्ण हो चुका होगा।"

बता दें कि 22 जनवरी को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला की प्रतिकात्मक मूर्ति का नगर भ्रमण कराया गया। अयोध्या नगरी में रामलला की मूर्ति को घुमाया गया। बुधवार (17 जनवरी) को गर्भ गृह में पूजन भी किया गया।

 

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