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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

मुंबई: बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रणौत की महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात खत्म हो चुकी है। यह मुलाकात करीब 45 मिनट तक चली। इस दौरान कंगना ने राज्यपाल के सामने अपनी बात रखीं। उन्होने राज्यपाल कोश्यारी से न्याय की मांग की। 

राज्यपाल ने मुझे बेटी की तरह सुना: कंगना

मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कंगना ने कहा, मैं आम नागरिक के नाते राज्यपाल से मिली। मैंने उनसे मेरे साथ हुए अन्याय पर बात की। उन्होंने मुझे बेटी की तरह सुना। मेरे साथ अभद्र व्यवहार हुआ है। कंगना ने आगे कहा कि मैंने राज्यपाल से न्याय की मांग की है। उऩ्हें बताया कि मेरे साथ क्या क्या हुआ। राजनीति से मेरा कोई लेना देना नहीं है। उम्मीद है कि मुझे न्याय मिलेगा। बता दें कि कंगना रणौत का महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ लड़ाई जारी है। हाल ही में बीएमसी ने कंगना का मुंबई स्थित कार्यालय को तोड़ दिया था, जिसे लेकर कंगना आज महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलने पहुंचीं थीं।

 

दरअसल, बीएमसी की कार्रवाई के बाद कई मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसी बात सामने आई थी कि कोश्यारी ने नाराजगी जताई है। लेकिन कोश्यारी ने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने अभिनेत्री कंगना रनौत के दफ्तर के कथित अवैध निर्माण ढहाए जाने को लेकर नाराजगी प्रकट की थी।

मैंने मुंबई की तुलना पीओके से कर गलती नहीं की थी

बीएमसी की ओर से दफ्तर तोड़े जाने की कंगना रणौत और महाराष्ट्र सरकार के बीच तकरार लगातार बढ़ती जा रही है। कंगना इन दिनों ट्विटर पर खूब एक्टिव हैं और महाराष्ट्र सरकार पर हमला बोल रही हैं। बीएमसी द्वारा अपना ऑफिस तोड़े जाने पर कंगना ने सोशल मीडिया के जरिए गुस्सा जाहिर किया था। कंगना ने कहा था- मैंने मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से कर गलती नहीं की थी। एक्ट्रेस ने ट्विटर पर एक मिनट का वीडियो शेयर कर कहा कि मुंबई में आतंक बढ़ता जा रहा है। 

जिन गुंडों ने मेरे पीछे से मेरा घर तोड़ा उनको सिविक बॉडी मत बोलो

उन्होंने मुंबई में नेवी के पूर्व अफसर से कथित शिवसैनिकों की हाथापाई और एक टीवी चैनल के खिलाफ राज्य सरकार की कार्रवाई का जिक्र किया है। कंगना ने कहा कि जिन गुंडों ने मेरे पीछे से मेरा घर तोड़ा उनको सिविक बॉडी मत बोलो, संविधान का इतना बड़ा अपमान मत करो।वहीं दूसरी तरफ कंगना पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करने पर  एफआईआर भी दर्ज की गई है। ये एफआईआर मुंबई के विक्रोली थाने में दर्ज हुई है।

22 सितंबर को होगी सुनवाई 

बता दें कि कंगना का ऑफिस बीएमसी ने अवैध निर्माण बताते हुए तोड़ दिया था। बीएमसी ने कंगना को नोटिस भेजने के बाद ये कार्रवाई की थी। हालांकि बाद में बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस पर फैसला सुनाते हुए किसी भी तरह की तोड़-फोड़ और निर्माण पर रोक लगा दी। इस मामले में अब 22 सितंबर को सुनवाई होगी। 

 

 

 

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