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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

मुंबई: बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र में सरगर्मी बढ़ गई है। अदालत ने इस मामले की जांच सीबीआई के हवाले कर दी है। इसे लेकर मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने अभी कुछ कहा तो नहीं है,लेकिन पहले मुख्यमंत्री और फिर राज्य के गृह मंत्री से उनकी मुलाकात बता रही है कि इस मामले में आंतरिक रूप से रणनीति बनाई जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र सरकार की खासी आलोचना हो रही है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद परमबीर सिंह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलने पहुंचे थे। दोनों के बीच यह मुलाकात करीब आधा घंटा चली थी। इसके बाद वह गृह मंत्री अनिल देशमुख से मुलाकात करने भी पहुंचे। मुख्यमंत्री ठाकरे ने राज्य के डीजीपी सुबोध कुमार जायसवाल को भी बुलाया है। हालांकि दोनों ही शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने कोर्ट के फैसले पर कोई खास टिप्पणी नहीं की है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा ने देशमुख के इस्तीफे तक की मांग कर दी है।

 

पूरा आदेश पढ़ने के बाद प्रतिक्रिया देंगे पुलिस कमिश्नर

पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लेकर कहा है कि जब तक वह पूरा आदेश पढ़ नहीं लेंगे तब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकते हैं। बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच को लेकर शुरू से ही मुंबई पुलिस पर सवाल उठते रहे हैं। सुशांत के परिवार ने भी मुंबई पुलिस की जांच पर भरोसा न जताते हुए बिहार में एफआईआर दर्ज कराई थी। जांच के लिए मुंबई पहुंची बिहार और मुंबई पुलिस के बीच भी खूब विवाद हुआ था।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत: अनिल देशमुख

वहीं, सर्वोच्च अदालत के फैसले पर अनिल देशमुख ने कहा, 'हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं और सीबीआई को जो भी सहयोग चाहिए होगा हम उपलब्ध कराएंगे। यह मुंबई पुलिस के लिए गर्व का विषय है कि सुप्रीम कोर्ट ने देखा कि उसकी जांच में कोई गलती नहीं है।' इस सवाल पर कि क्या मुंबई पुलिस इस मामले की समानांतर जांच करेगी देशमुख ने कहा कि इसे लेकर राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुच्छेद 34 के अनुसार सोचेगी।

इस दौरान बिहार पुलिस ने मुंबई पुलिस पर जांच में बाधा पहुंचाने का और सबूतों को नष्ट करने का आरोप लगाया था। और तो और जांच करने पहुंची बिहार पुलिस की टीम के कुछ सदस्यों को तो जबरन क्वारंटीन तक कर दिया गया था। इसके बाद सुशांत के परिवार ने इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की थी। बिहार सरकार ने भी मामले की जांच सीबीआई के हवाले करने की अनुशंसा की थी। हालांकि, महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस ने इस पर विरोध जताया था। 

 

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