नई दिल्ली: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की। सूत्रों ने बताया बातचीत के दौरान उद्धव ने कहा कि राज्य में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की जा रही है। उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी से कहा कि ऐसे में समय में राज्य में अस्थिरता फैलाना ठीक नहीं है। पूरा देश एक तरफ कोरोना के संकट से जूझ रहा है। वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के समक्ष संवैधानिक संकट आ गया है। अगर इसका कोई हल नहीं निकल पाता है तो उनकी मुख्यमंत्री पद की कुर्सी तक जा सकती है। कारण है सीएम बनने के बाद अभी तक उनका विधानसभा या विधानपरिषद का सदस्य नहीं चुना जाना। कल महाराष्ट्र कैबिनेट ने दूसरी बार राज्यपाल से उद्धव ठाकरे को एमएलसी बनाने की सिफारिश की थी।
इस बीच सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है। इस बात की चर्चा है कि दोनों नेताओं के बीच इस संवैधानिक और राजनीतिक संकट पर भी बात हुई है।
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए उद्धव ठाकरे की उम्मीदें राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर जा टिकी हैं और यही वजह है कि राज्यपाल कोटे से एमएलसी बनाने के लिए कैबिनेट लगातार गुहार लगा रहा है। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर दबाव बनाते हुए उद्धव कैबिनेट ने सोमवार को एक बार फिर उनसे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) मनोनीत करने को कहा। कोरोना वायरस महामारी के कारण सभी चुनाव टाले जाने की वजह से उद्धव ठाकरे चुनाव लड़कर विधायक नहीं बन पाए हैं।
दरअसल, उद्धव ठाकरे ने पिछले साल 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद संभाला था और उन्हें पद पर बने रहने के लिए अब एक महीने के भीतर ही विधानमंडल का सदस्य बनना होगा, क्योंकि उसके बाद 6 महीने की समय सीमा समाप्त हो जाएगी। अब तक वह राज्य विधानसभा अथवा परिषद के सदस्य नहीं हैं।