नई दिल्ली: भीमा कोरेगांव मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबडे की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने नवलखा और तेलतुंबडे को आत्मसमर्पण करने के लिए तीन हफ्तों का समय दिया है। साथ ही कोर्ट ने उन्हें जल्द से जल्द अपना पासपोर्ट समर्पण करने को कहा है। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और एम आर शाह की पीठ ने दोनों कार्यकर्ताओं को तीन सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने को कहा है। साथ ही आदेश दिया कि दोनों को जल्द से जल्द अपने पासपोर्ट को भी पुलिस को सौंपना होगा।
अदालत ने छह मार्च को दोनों कार्यकर्ताओं को दी गई गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा को बढ़ा दिया था। तेलतुंबडे और नवलखा ने सुप्रीम कोर्ट में पिछले साल नवंबर में गिरफ्तारी से पहले जमानत की मांग की थी, जब पुणे की सत्र अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी। एक जनवरी, 2018 को पुणे जिले के भीमा कोरेगांव हिंसा के बाद नवलखा, तेलतुंबडे और कई अन्य कार्यकर्ताओं को पुणे पुलिस ने उनके कथित माओवादी लिंक और कई अन्य आरोपों के लिए गिरफ्तार किया था।
वहीं, सभी आरोपियों ने आरोपों से इंकार किया है।