मुंबई: एक अदालत ने धन शोधन के एक मामले में गिरफ्तार महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल की और हिरासत का प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का अनुरोध खारिज कर दिया और कहा कि इसके लिए पर्याप्त आधार नहीं बताए गए हैं। ईडी ने भुजबल की सात और दिन की हिरासत मांगी थी लेकिन धनशोधन रोकथाम कानून मामलों की विशेष अदालत के न्यायाधीश पीआर भावके ने वरिष्ठ राकांपा पार्टी को 31 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजा और कहा कि और हिरासत के लिए पर्याप्त आधार नहीं बताए गए। 14 मार्च को गिरफ्तार भुजबल अब यहां अति सुरक्षा वाली आर्थर रोड जेल में बंद रहेंगे। भुजबल ने आज अदालत को बताया कि कुछ गवाहों के बयान झूठे और मनगढ़ंत कहानियों से भरे हैं। भुजबल परिवार के नियंत्रण वाले मुंबई शिक्षा न्यास (एमईटी) के कर्मचारी और एक गवाह के इस बयान पर कि उसने नकदी के बैग कार्यालय लाते हुए देखे, पर भुजबल ने सवाल किया कि वह वहां क्या कर रहा था।
उन्होंने कहा कि मैं (उस दिन) रात में देर से एमईटी कार्यालय के गेस्ट हाउस में गया था क्योंकि मुझे सुबह जल्दी उड़ान पकड़नी थी। यह गवाह वहां देर रात में क्या कर रहा था जबकि एमईटी के लोग शाम साढे़ पांच बजे घर चले जाते हैं। राकांपा नेता ने यह भी शिकायत की कि कल ईडी अधिकारियों ने शाम साढे चार बजे तक उनका बयान दर्ज किया और रात साढ़े ग्यारह बजे में फिर से उसने पूछताछ करने आ गए। उन्होंने अदालत से कहा कि मैंने उन्हें बताया कि वे सुबह जल्दी मेरा बयान ले सकते हैं। मैं आज जल्दी उठ गया। मैंने ईडी अधिकारियों से कहा कि हमें आज अदालत जाना है इसलिए वे देर क्यों कर रहे हैं। उन्होने कहा कि वे कुछ काम में व्यस्त हैं और उन्होंने मुझे इंतजार कराया। भुजबल पर नई दिल्ली में महाराष्ट्र सदन का अनुबंध देने में रिश्वत लेने और कई तरह से धन शोधन का आरोप है।