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मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय ने अपना फंदा कसते हुए धन शोधन मामले की जांच के संबंध में महाराष्ट्र के पूर्व लोक निर्माण मंत्री एवं राकांपा नेता छगन भुजबल को 14 मार्च को तलब किया है। एजेंसी मामले में धन शोधन रोकथाम कानून के तहत उनके बयान दर्ज कर सकती है। भुजबल को समन भेजे जाने के बारे में पहले भाजपा नेता किरीट सोमैया ने ट्वीट किया और बाद में एजेंसी सूत्रों ने पुष्टि की, हालांकि अनिच्छा से। सोमैया ने ट्वीट किया, 'अब श्री छगन भुजबल को प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन...फेमा मामले को लेकर 14 मार्च को बुलाया है...महाराष्ट्र सदन और अन्य मामलों के लिए।' प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन रोकथाम कानून के तहत मामला दर्ज किया था, जिसमें भुजबल और उनके कुछ सहयोगियों तथा पूर्व मंत्री के पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके भतीजे समीर का नाम शामिल है। पिछले महीने गिरफ्तार समीर इस समय यहां उच्च सुरक्षा वाली ऑर्थर रोड जेल में बंद है।

प्रवर्तन निदेशालय ने इसी मामले में पिछले महीने भुजबल के पुत्र पंकज से भी पूछताछ की थी। एजेंसी ने महाराष्ट्र सदन निर्माण घोटाले और कलीना भूमि हड़पने से संबंधित मामले की जांच के लिए भुजबल परिवार से जुड़े लोगों और अन्य के खिलाफ मुंबई पुलिस की प्राथमिकियों के आधार पर धन शोधन रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत दो प्राथमिकी दर्ज की थीं। मामले में करीब 280 करोड़ रुपये मूल्य की तीन संपत्तियों को कुर्क करने के आदेश भी आए हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने भुजबल, पंकज, समीर और कुछ अन्य लोगों से संबंधित नौ परिसरों पर दो बार छापे मारे थे। राकांपा ने तब इन छापों को 'राजनीतिक प्रतिशोध' करार दिया था।

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