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मुंबई: बंबई हाईकोर्ट ने बेहद तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य में अवैध होर्डिंग और बैनर न लगाने के उसके आदेशों का पालन नहीं करके राजनीतिक पार्टियां न्यायपालिका का मखौल उड़ा रही हैं। जस्टिस एएस ओका और जस्टिस शालिनी फनसालकर जोशी की खंडपीठ ने कहा, 'एक साल से हम आदेश पारित कर राजनीतिक पार्टियों से कह रहे हैं कि वे अवैध बैनर-पोस्टर न लगाएं। लेकिन 90 फीसदी राजनीतिक पार्टियां इस पर ध्यान नहीं दे रही हैं। इन आदेशों का पालन कोई नहीं कर रहा। वे हमारा मजाक बना रहे हैं।' अदालत राज्य भर में राजनीतिक पार्टियों की ओर से लगाए गए अवैध बैनरों, होर्डिंगों और पोस्टरों के मुद्दे पर कई जनहित याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने कहा, 'हमें कड़ी कार्रवाई करनी होगी, तभी यह थमेगा। जैसे ही हमें लगेगा कि हमारे आदेश का उल्लंघन हुआ है, अवमानना नोटिस जारी किया जाएगा।' याचिकाकर्ता के वकील उदय वरुंजिकर ने अदालत को बताया कि 27 फरवरी को 'मराठी भाषा दिवस' मनाने के लिए राजनीतिक पार्टियों ने कई पोस्टर लगाए थे। वहीं बृहन्नमुंबई नगर निगम (बीएमसी) के वकील अनिल सखरे ने भी अदालत को बताया कि देवनार इलाके में जब निगम अधिकारी एक बार अवैध होर्डिंग हटाने के लिए गए थे, तो उन्हें एक राजनीतिक पार्टी के सदस्यों ने पीटा था।

बहरहाल, सखरे ने पार्टी का नाम नहीं बताया। बीएमसी के वकील ने बताया कि मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। हाईकोर्ट ने देवनार पुलिस थाने के प्रभारी और जांच अधिकारी को मौके पर मौजूद रहने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा, 'यह गंभीर आरोप है। इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता।'

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