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मुंबई: शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस टिप्पणी का उपहास उड़ाया कि उनकी सरकार को अस्थिर करने के लिए साजिशें रची जा रही हैं। पार्टी ने आतंकी हमलों में बढ़ोतरी और जेएनयू परिसर में 'राष्ट्र विरोधी तत्वों' की गतिविधियों पर चिंता व्यक्त करते हुए जानना चाहा कि क्या देश वर्तमान परिस्थितियों में स्थिर रहेगा। पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में छपे एक संपादकीय में कहा गया, 'देश सुरक्षित नहीं है और हम पाकिस्तान से उत्पन्न हो रहे खतरों को रोकने में पिछड़ रहे हैं, जेएनयू में राष्ट्रविरोधी तत्वों ने अफजल गुरु के पक्ष में आवाज उठाई और उसी समय आईएसआईएस के समर्थकों ने जम्मू-कश्मीर में झंडे लहराए।' गौरतलब है कि रविवार को ओडिशा के बारगढ़ में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि असंतुष्ट एनजीओ और कालाबाजारी करने वाले उनकी सरकार को अस्थिर करने तथा उन्हें 'बदनाम' करने की साजिश रच रहे हैं।

शिवसेना ने कहा, 'ओडिशा में, मोदी ने कहा कि एनडीए सरकार को अस्थिर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। हमें खुशी है कि वह कम से कम एनडीए के बारे में तो बोले। लेकिन वर्तमान घटनाक्रमों को देखते हुए, क्या देश स्थिर रहेगा? सरकारें आती हैं जाती हैं, लेकिन देश अक्षुण्ण रहता है। शिवसेना ने कहा, 'पठानकोट आतंकी हमला भी मोदी सरकार को बदनाम और इसे अस्थिर करने की साजिश था। हमले के बाद पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी गतिविधियां बढ़ गईं और पिछले एक महीने में करीब 25 जवान शहीद हुए हैं। इसने कहा, हर रोज, हमारे शहीद हुए सैन्यकर्मियों के शव उनके घर लाए जा रहे हैं और इसलिए पाकिस्तान के प्रति लोगों का गुस्सा बढ़ रहा है। इसीलिए मोदी सरकार अपयश का सामना कर रही है। यदि लोग महसूस करते हैं कि हम आतंकवादियों से लड़ने में पिछड़ रहे हैं, जो हमारे क्षेत्र में घुसपैठ करते हैं, तो उन्हें मोदी की मजबूरी को समझना चाहिए। महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या का उल्लेख करते हुए इसने कहा कि यह अब विदर्भ क्षेत्र से मराठवाड़ा और उत्तरी महाराष्ट्र तक फैल चुका है। पार्टी ने कहा, अपयश (एनडीए सरकार की तरफ) हमारे लिए भी असहनीय है, लेकिन इसके पीछे कालाबाजारी करने वाले नहीं हैं। हरियाणा में जाट आंदोलन के दौरान 20 हजार करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है और 10 से अधिक लोग मारे गए हैं। मोदी शासन में यह साजिश कौन रच रहा है?

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