मुंबई: मुंबई में शुरू हुए 'मेक इन इंडिया' सप्ताह को लेकर मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने कहा कि महाराष्ट्र अब तक इतना निवेश भी आकर्षित करने में नाकाम रहा है, जिससे कम से कम मुख्यमंत्री की विदेश यात्राओं के खर्च की भरपाई हो जाती। शिवसेना ने कहा कि जहां मुख्यमंत्री और राज्य के उद्योग मंत्री की निवेश लाने की कोशिशों की सराहना की जानी चाहिए, वहीं देखना चाहिए कि विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र के विकास की भी जरूरत है, क्योंकि वहां पिछले एक साल में 1,000 से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है। शिवसेना ने मुखपत्र 'सामना' में एक संपादकीय में लिखा, 'महाराष्ट्र ने हमेशा देश के लिए काफी योगदान दिया है, लेकिन मुंबई को हमेशा लूटा गया।
औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए शहर में पिछले 50 सालों में कई निवेश सम्मेलन आयोजित किए गए, लेकिन मुंबई को अपना हक पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है।' पार्टी ने कहा, 'मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस प्रतिनिधियों की एक बड़ी संख्या के साथ विदेशों का दौरा कर रहे हैं। इन यात्राओं से महाराष्ट्र को कितना निवेश हासिल हुआ है? इतना पैसा भी नहीं आया जिससे इन प्रतिनिधियों की यात्रा खर्च की भरपाई हो सके।' शिवसेना ने कहा कि यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि 'मेक इन इंडिया' सप्ताह से महाराष्ट्र को क्या निवेश मिलता है, जहां 60 देशों और 5,000 प्रतिनिधियों की मेजबानी की जा रही है। उसने कहा, 'मुंबई के साथ विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र के विकास की भी जरूरत है क्योंकि पिछले एक साल में वहां 1,328 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।' पार्टी ने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों को याद रखना चाहिए कि विकास किसानों और कामकाजी वर्ग की कीमत पर ना हो।