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मुंबई : मुंबई के 26/11 हमले के गुनहगार आतंकी डेविड कोलमैन हेडली ने अपनी गवाही के तीसरे दिन बड़ा खुलासा किया है । उसने कहा है कि वर्ष 2004 में गुजरात में पुलिस एनकाउंटर में मारी गई इशरत जहां आत्मघाती हमलावर थी और वह लश्कर के लिए काम करती थी। डेविड हेडली ने मुंबई कोर्ट में गवाही के दौरान कहा कि इशरत फिदायीन आतंकवादी थी और वो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ी थी। हेडली ने ये भी बताया है कि इशरत मुजम्मिल नाम के लश्कर ए तैयबा के आतंकी के साथ काम करती थी। उसने कहा कि भारत में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए उसे भेजा गया था। इशरत को गुजरात के अक्षरधाम मंदिर पर हमले की जिम्मेदारी सौंपी गई थी जिसे अंजाम देने में वह असफल रही। गौरतलब है कि पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने यहां एक अदालत के समक्ष गुरुवार को तीसरे दिन गवाही जारी रखी। हेडली ने अमेरिका में एक गुप्त स्थान से गवाही देते हुए विशेष न्यायाधीश जी ए सनप को बताया था कि आईएसआई पाकिस्तान में विभिन्न आतंकवादी संगठनों को वित्तीय, सैन्य और नैतिक समर्थन मुहैया कराके उनकी मदद कर रहा है।

अमेरिका में वीडियो कांफ्रेंस में तकनीकी गड़बड़ी के कारण कल हेडली की गवाही नहीं हो सकी थी। हेडली ने मुंबई के उन स्थानों की रेकी की थी, जहां 26 नवंबर 2008 को लश्कर ए तैयबा के 10 आतंकवादियों ने हमला किया था। हेडली ने यह भी खुलासा किया कि संगठन ने शुरू में ताज महल होटल में भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों के एक सम्मेलन पर हमला करने की योजना बनाई थी। उसने बताया कि उसने लश्कर के कमांडरों के निर्देश पर प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर और नौसेना के वायुसेना स्टेशन की भी रेकी की थी।

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