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जयपुर: राजस्थान में प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव में कांग्रेस समर्थित छात्र संगठन एनएसयूआई को करारा झटका लगा है। कैंपस के चुनावों में एनएसयूआई का सूपड़ा साफ हो गया है। प्रदेश की 14 यूनिवर्सिटी में 5 पर एबीवीपी, दो पर एसएफआई बाकी 7 पर निर्दलीयों का कब्जा हुआ है। सीएम गहलोत और सचिन पायलट के गढ़ में एनएसयूआई का हार का सामना करना पड़ा है। एनएसयूआई को राजस्थान के 14 विश्वविद्यालयों में से एक भी विश्वविद्यालय में जीत नहीं मिल सकी है।

हालात यह है कि ना तो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर, सचिन पायलट के निर्वाचन क्षेत्र टोंक और पीसीपी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के गृह जिले सीकर में एनएसयूआई को हार का सामना करना पड़ा। जिन 14 यूनिवर्सिटी में एनएसयूआई चुनाव हारी है। वहां से गहलोत सरकार के 16 मंत्री आते हैं। जिन में से 14 दिग्गजों का तो उन यूनिवर्सिटी और कॉलेज से संबंध है। राजस्‍थान विश्‍वविद्यालय छात्रसंघ के चुनाव में अध्‍यक्ष व उपाध्यक्ष पद पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है।

चुनाव प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि जयपुर स्थित राजस्‍थान व‍िश्‍वव‍िद्यालय के छात्रसंघ चुनावों में अध्‍यक्ष पद पर निर्दलीय प्रत्याशी निर्मल चौधरी विजयी रहे। उन्‍होंने एनएसयूआई से बागी होकर चुनाव लड़ने वाली निहारिका जोरवाल को 1400 से अधिक मतों से हराया। वहीं उपाध्यक्ष पद पर निर्दलीय अमीषा मीणा, महासचिव पद पर अरविंद जाजड़ा (एबीवीपी) और संयुक्‍त सचिव पद पर धरा कुमावत (एनएसयूआई) ने जीत दर्ज की।

उल्लेखनीय है कि जयपुर स्थित राजस्‍थान व‍िश्‍वव‍िद्यालय के छात्रसंघ के चुनावों में मुख्य मुकाबला कांग्रेस से जुड़े छात्र संगठन भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) और भाजपा/आरएसएस से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के बीच माना जा रहा था। लेकिन अध्‍यक्ष व उपाध्यक्ष पद पर निर्दलीयों की जीत ने अटकलों को झूठा साबित कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि निहारिका राज्य के मंत्री मुरारी मीणा की बेटी हैं, जिन्हें पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का करीबी माना जाता है। एनएसयूआई द्वारा टिकट नहीं द‍िए जाने के बाद उन्होंने एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा। अध्‍यक्ष पद के लिए निर्मल चौधरी को 4043 और निहारिका को 2576 वोट मिले। एनयूएसआई प्रत्याशी रितु बराला 2010 मतों के साथ तीसरे और एबीवीपी प्रत्याशी नरेंद्र यादव 988 मतों के साथ चौथे स्थान पर रहे।

परिणाम घोषित होने के बाद विजेता पदाधिकारियों को शपथ दिलाई गई। इस बीच, एनएसयूआई ने निहारिका जोरवाल और पांच अन्य को बागी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। नवनिर्वाचित अध्यक्ष निर्मल चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनके विरोधियों ने उन्हें हराने के लिए कई साजिशें रची, लेकिन युवा शक्ति ने उनके पक्ष में मतदान किया। चौधरी ने कहा कि वह एक महीने में अपने काम का रिपोर्ट कार्ड पेश करेंगे। कोरोना महामारी के कारण राज्‍य में छात्र संघ चुनाव दो साल के अंतराल के बाद हुए है।

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