जयपुर: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अगले साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर लड़ेगी। इसका एलान शनिवार को राजस्थान भाजपा प्रमुख सतीश पूनिया ने किया। इसे राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा जा सकता है।
'कई बार चेहरों का एलान किया जाता है, कई बार नहीं किए जाते। भाजपा आगामी चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़ेगी। साल 2017 में उत्तर प्रदेश चुनाव योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नहीं लड़ा गया था, फिर भी हम जीत गए।' जयपुर में भाजपा की तीन दिन की रणनीति बैठक के दूसरे दिन सतीश पूनिया ने यह बात कही।
यह बयान आगामी चुनाव से एक साल पहले आया और राज्य भाजपा प्रमुख ने इस बात पर भी जोर दिया कि कैसे पार्टी ने नेतृत्व की "अगली पीढ़ी" को तैयार किया है। इससे संदेह पैदा हो गया कि क्या यह राजस्थान में पार्टी के बड़े चेहरे वसुंधरा राजे के लिए संदेश था। वसुंधरा राजे के भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के साथ-साथ सतीश पूनिया के साथ संबंध अटकलों का विषय रहे हैं।
हालांकि, इस तरह की रिपोर्ट्स को नकारने की दोनों तरफ से काफी बार कोशिश की गई है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ एक दिन पहले जयपुर में पूनिया और अन्य नेताओं के अलावा मंच पर और एक रोड शो के दौरान वसुंधरा राजे दिखी थीं।
हालांकि, राजस्थान भाजपा अध्यक्ष के इस एलान को इस बात के संकेत के रूप में देखा जा सकता है कि राज्य के नेतृत्व में राजे की अहम भूमिका हो सकती है, लेकिन वह पार्टी की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार नहीं हो सकती हैं।
सत्ता से बाहर होने के बावजूद, वसुंधरा राजे हाल के वर्षों में पार्टी में अपनी भूमिका के बारे में स्पष्ट रूप से मुखर रही हैं। हाल ही में मार्च महीने में अपना 69 वां जन्मदिन मंदिर की यात्रा और बूंदी जिले के केशोरईपाटन में एक रैली के साथ मनाया।
इस समारोह को कई लोगों ने 2023 विधानसभा चुनाव के बिगुल के तौर पर देखा। इसमें वसुंधरा राजे ने अशोक गहलोत सरकार पर हमला किया। अपनी पूर्व की सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। अगले साल पार्टी द्वारा रिकॉर्ड चुनावी प्रदर्शन का आह्वान किया।
उनकी जनसभा में पहुंची भीड़ और सतीश पूनिया को छोड़कर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ एक दर्जन सांसदों और विधायकों की उपस्थिति ने संकेत दिया कि वसुंधरा राजे राजस्थान की सियासत में एक अहम भूमिका रखती हैं।