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हिसार: स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने व किसानों को कर्ज मुक्त किए जाने समेत कई मांगों को लेकर किसान संगठनों के राष्ट्रीय महासंघ के आह्वान पर 'गांव बंद सब बंद' किसान आंदोलन के दूसरे दिन आज यहां मिल्क प्लांट को दूध की सप्लाई पूरी तरह से ठप रही। किसानों का यह आंदोलन शुरू होने से पहले हिसार के मिल्क प्लांट में गुरुवार को 7622 लीटर दूध आया था। शुक्रवार को किसानों का आंदोलन शुरू होने के बाद सुबह के समय मात्र 75 लीटर दूध ही मिल्क प्लांट में आया। इसके बाद शुक्रवार शाम और शनिवार की सुबह दूध की एक भी बूंद मिल्क प्लांट में नहीं आई। किसानों से दूध खरीद कर हिसार के मिल्क प्लांट को सप्लाई देने के लिए विभिन्न गांवों में मिल्क सोसायटियां बनी हुई हैं।

आंदोलन शुरू होने के बाद से किसानों ने इन सोसायटियों को दूध देना बंद कर दिया है। वहीँ मंडियों मैं कृषि उपज के आने की रफ्तार लगातार धीमी पड़ती जा रही है। उधर, फतेहाबाद में पुलिस ने कल हुई घटनाओं के चलते 45 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर 9 लोगों को काबू किया है। पपीहा पार्क पर कुछ लोगों ने एक दूधवाले मुकेश गोयल को घेरकर उसका दूध सड़क पर फेंक दिया था।

मुकेश गोयल ने इसकी शिकायत पुलिस को दी है। पुलिस ने इस संबंध में कुछ लोगों पर केस दर्ज किया है। अब तक किसान आंदोलन के दौरान जिले में 3 एफआईआर कट चुकी हैं। भट्टूकलां में भी जांगड़ा सर्विस स्टेशन के पास दूधिए का दूध सड़क पर फेंका गया है और फल सब्जी विक्रेताओं को धमकाया गया है। गांव दौलतपुर व भट्टूकलां में किसानों के धरने लगातार जारी हैं।

वहीं दूसरी ओर बीघड़ रोड पर एक डेयरी संचालक पर हमला करने के मामले में बनगांव के ग्रामीणों पर दर्ज एफआईआर को लेकर गांव के लोग पुलिस अधीक्षक से मिले और एफआईआर को रद्द करने की मांग की। किसानों ने कहा है कि बनगांव के किसानों पर केस दर्ज करने से किसान आंदोलन की दिशा बदल सकती है। किसान शांतिपूर्वक तरीके से आंदोलन कर रहे हैंं। इसलिए किसानों पर दर्ज मुकदमे वापिस लिए जाएं।

पुलिस अधीक्षक दीपक सहारण ने बताया है कि किसान आंदोलन की आड़ में किसी भी प्रकार की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिले में पुलिस की कंपनियां तैनात की गई हैं और हर ओर नजर रखी जा रही है।

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