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चंडीगढ़: हरियाणा के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास बराला द्वारा एक आईएएस अफसर की बेटी से कथित छेड़छाड़ संबंधी मामले में चंडीगढ़ पुलिस अब सवालों के घेरे में आ गई है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी विकास बराला को बचाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि इस घटना से साफ जाहिर हो रहा है कि भाजपा चंडीगढ़ प्रशासन पर विकास बराला को बचाने की साजिश रचते हुए दबाव बना रही है। सुरजेवाला ने सीसीटीवी की फुटेज गायब होने के मामले में कहा कि अब इस संबंध में नए तथ्य आ रहे हैं कि 7 में से 6 सीसीटीवी काम ही नहीं कर रहे थे। अचानक उन सीसीटीवी ने काम करना कैसे बंद कर दिया? हमने एक बेहद अहम सुबूत खो दिया है। चंडीगढ़ पुलिस पर आरोपियों पर लगाई गई धाराओं में बार-बार बदलाव करने का आरोप है। इतना ही नहीं चंडीगढ़ पुलिस पर आरोपियों की थाने में आवभगत करने का भी आरोप लग रहा है। लड़की की शिकायत के आधार पर चंडीगढ़ पुलिस ने सबसे पहले आईपीसी की धारा 354 डी और मोटर वेहिकल एक्ट की धारा 185 के तहत मामला दर्ज किया था लेकिन इसके कुछ ही घंटों बाद इस मामले में धारा 341, 365 और 511 को जोड़ दिया गया।

इतना ही नहीं इसके बाद एक बार फिर धाराओं में बदलाव किया गया और इसमें केवल धारा 341 को ही जोड़ा गया। धाराओं के बार-बार बदले जाने पर चंडीगढ़ पुलिस को चारों ओर से निंदा झेलनी पड़ रही है। आईएएस एसोसिएशन ने भी इस संबंध में नाराजगी जाहिर करते हुए सवाल खड़े किए गए हैं। वहीं दूसरी तरफ चंडीगढ़ पुलिस पर यह आरोप भी लग रहा है कि उसने जानबूझ कर लड़की द्वारा दिए गए बयान के आधार पर धाराएं नहीं लगायीं। लड़की ने अपनी फेसबुक पोस्ट में भी यह साफ किया था कि उस दिन वो किडनैप हो सकती थी, ऐसे में अपहरण की कोशिश का केस न दर्ज किया जाना चंडीगढ़ पुलिस पर सवाल खड़े करता है। सीनियर अधिवक्ता राजविंदर सिंह बैंस ने कहा कि यह पुलिस की विफलता को दर्शाता है। पुलिस ने जानबूझ कर आरोपी को बचाने की कोशिश की है। यहां आरोपी की नियत का साफ पता चल रहा है। अगर कोई व्यक्ति किसी लड़की की गाड़ी का 7 किलोमीटर तक पीछा करता है तो उससे ये जाहिर हो जाता है कि वह उसका अपहरण करना चाहता था और उसे मोलेस्ट कर सकता था।

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