ताज़ा खबरें
'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) बुधवार को लंबी चर्चा के बाद तो-तिहाई बहुमत से लोकसभा से पास हो गया। बिल के समर्थन में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने पर्ची से वोटिंग कराई। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी और औरंगाबाद से सांसद इम्तियाज जलील ने महिला आरक्षण बिल के विरोध में वोट किया।

गुरुवार को इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। वहां से पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साइन के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा। महिला आरक्षण बिल नई संसद की लोकसभा में पास हुआ पहला बिल है।

महिला आरक्षण बिल के मुताबिक, लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% रिजर्वेशन लागू किया जाएगा। लोकसभा की 543 सीटों में से 181 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। ये रिजर्वेशन 15 साल तक रहेगा। इसके बाद संसद चाहे तो इसकी अवधि बढ़ा सकती है।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट 2019 के 104वें संविधान संशोधन का परीक्षण करेगा. इसके लिए 5 जजों की संविधान पीठ भी गठित की जा रही है, जो 21 अक्टूबर से इस मामले को लेकर सुनवाई करेगी। बता दें कि कुछ महीने पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने 2019 के 104वें संविधान संशोधन के जरिए लोकसभा व विधानसभाओं में जातिगत सदस्यों के लिए आरक्षण की अवधि बढ़ाए जाने पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा था।

सुप्रीम कोर्ट 2019 के संविधान 104 वें संशोधन का परीक्षण करेगा। 104 वें संशोधन में लोकसभा व विधानमंडलों में एससी/एसटी आरक्षण 80 साल को लिए बढ़ाया गया है। जबकि एंग्लो इंडियन आरक्षण खत्म किया गया। सुप्रीम कोर्ट ये भी देखेगा कि क्या अनुच्छेद 334 के तहत आरक्षण की निर्धारित अवधि को बढ़ाने का संशोधन संवैधानिक वैध है भी या नहीं? सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस एमएम सुंदरेश, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की संविधान पीठ ने कहा कि वो 21 अक्टूबर से इन दो मुद्दों पर सुनवाई करेगा।

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने नारी शक्ति वंदन बिल का समर्थन करते हुए लोकसभा में कहा कि सरकार को चाहिए वो इस बिल को तुरंत लागू करे। उन्होंने कहा कि लेकिन सरकार को ये भी चाहिए कि वो एससी,एसटी और ओबीसी महिलाओं को भी आरक्षण देकर उन्हें भी आगे आने का मौका दे। मैं आपको बता दूं कि महिलाओं को पंचायती राज और नगरपालिकाओं में आरक्षण देने के लिए देश में पहली बार कोई बिल लेकर मेरे पति और उस समय के प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी आए थे। लेकिन वो कुछ वोटों से पारित नहीं हो पाया था। जिसे बाद में नरसिम्हा सरकार ने पारित किया।

"स्त्री के हृदय में महासागर जैसा धीरज"

सोनियां गांधी ने आगे कहा कि भारत के स्त्री के हृदय में महासागर जैसा धीरज है। उसने खुद के साथ हुई बेइमानी की शिकायत कभी नहीं की। उसने सिर्फ अपने फायदे के बारे में कभी नहीं सोचा। उसने नदियों की तरह सबकी भलाई के लिए काम किया है। स्त्री के धौर्य का अंदाज लगाना नामुमकिन है।

नई दिल्ली: लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने केंद्र सरकार द्वारा सभी सांसदों को दी गई संविधान की प्रति से धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी जैसे शब्दों के गायब होने का मामला उठाया है। उन्होंने कहा कि है कि नए संसद भवन के उद्धाटन के पहले दिन सांसदों को संविधान की जो प्रति दी गई है उसमे से ये दो शब्द हटा दिए गए हैं।

"ये शब्द 1976 में एक संशोधन के बाद जोड़े गए थे"

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज (19 सितंबर) संविधान की जो नई प्रतियां हमें दी गईं हैं, जिसे हम हाथ में लेकर (नए संसद भवन) में प्रवेश कर गए। उसकी प्रस्तावना में 'समाजवादी धर्मनिरपेक्ष' जैसे शब्द नहीं हैं। हम जानते हैं कि ये शब्द 1976 में एक संशोधन के बाद जोड़े गए थे, लेकिन अगर आज कोई हमें संविधान देता है और उसमें ये शब्द नहीं हैं, तो यह चिंता का विषय है।

अधीर रंजन चौधरी ने आगे कहा कि उनकी (केंद्र की ) मंशा संदिग्ध है। यह बड़ी चतुराई से किया गया है। यह मेरे लिए चिंता का विषय है। मैंने इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की, लेकिन मुझे इस मुद्दे मौका ही नहीं मिला।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख