नई दिल्ली: बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद ने अपने खिलाफ आयकर विभाग की कार्रवाई के बाद ट्वीट किया है। ट्वीट में उन्होंने दार्शनिक अंदाज मेंं अपनी भावनाओं को इजहार किया है। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'सख्त राहों में भी आसान सफर लगता है, हर हिंदुस्तानी की दुआओं का असर लगता है।' अपने इस ट्वीट के साथ उन्होंने 'हार्ट' की इमोजी भी शेयर की है और अंग्रेजी में लिखा है, आपको हमेशा अपना पक्ष रखने की जरूरत नहीं होती, समय इसके बारे में बताएगा।'
साथ में उन्होंने लिखा है, 'मैंने अपनी पूरी क्षमता और दिल से देश के लोगों की सेवा करने की शपथ ली है। मेरे फाउंडेशन का हर रुपया किसी की कीमती जिंदगी बचाने और जरूरतमंद तक पहुंचने का इंतजार कर रहा है।'
गौरतलब है कि आयकर विभाग की टीम ने सोनू सूद के मुंबई स्थित घर और ऑफिस पहुंची थी और वहां तलाशी ली थी। आईटी विभाग सोनू के 6 परिसरों पर यह कार्रवाई की थी। आम आदमी पार्टी (आप) और शिवसेना ने सोनू के खिलाफ आईटी विभाग की इस कार्रवाई की तीखे शब्दों में आलोचना की थी।
बता दें कि 48 वर्षीय सोनू सूद ने कोरोना महामारी के दौरान आम लोगों की मदद करके काफी प्रशंसा हासिल की थी। हाल ही में सोनू ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी। साथ ही वे दिल्ली सरकार के देश के मेंटॉर कार्यक्रम के ब्रांड अंबेसडर भी बने थे। सोनू के इस ट्वीट कर कमेंट करते हुए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने लिखा, 'आपको और ताकत मिली सोनू जी, आप लाखों भारतीयों के हीरो हैं।'
उधर, इस तलाशी अभियान को लेकर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा है कि सोनू के खिलाफ 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की टैक्स चोरी का मामला सामने आया है। सीबीडीटी ने कहा है कि अभिनेता और उनके सहयोगियों के परिसरों की तलाशी के दौरान, कर चोरी से संबंधित आपत्तिजनक साक्ष्य मिले हैं। सीबीडीटी ने कहा कि अभिनेता ने फर्जी संस्थाओं से फर्जी और असुरक्षित ऋण के रूप में बेहिसाब पैसे जमा किए थे। आयकर विभाग ने कहा कि सूद ने एफसीआरए कानून का उल्लंघन करते हुए विदेशी दानदाताओं से एक क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग कर ₹ 2.1 करोड़ जुटाए हैं। सीबीडीटी ने कहा कि आयकर विभाग ने मुंबई में अभिनेता के विभिन्न परिसरों में और बुनियादी ढांचे के विकास में लगे लखनऊ स्थित औद्योगिक समूह में छापेमारी और जब्ती अभियान चलाया। सीबीडीटी के मुताबिक मुंबई, लखनऊ, कानपुर, जयपुर, दिल्ली, गुरुग्राम समेत कुल 28 परिसरों पर लगातार तीन दिनों तक छापेमारी की गई थी।