नई दिल्ली: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और ज्वलंत मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखने वाले नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि तालिबान को लेकर भारत ही नहीं दुनिया में मुस्लिमों के एक वर्ग द्वारा समर्थन दिए जाने या कथित तौर पर खुशी जताए जाने के बयान को गलत तरीके से पेश किया गया। शाह ने कहा कि ऐसे माहौल में नफरत का जहर आसानी से घोला जा सकता है। शाह ने कहा, मैंने पूरे मुस्लिम समुदाय को लेकर ऐसी कोई बात नहीं की थी, लेकिन उन्हें दुख है कि इसको लेकर कट्टरपंथियों ने उन पर हमला बोल दिया। जबकि उन्होंने पूरे मुस्लिम समुदाय को कठघरे में खड़ा करने वाला कोई बयान नहीं दिया था।
शाह ने कहा कि उन्होंने सिर्फ समुदाय के कुछ लोगों द्वारा ऐसा करने को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी। इनमें से एक मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य भी थे, जिन्होंने खुल तौर पर तालिबान के समर्थन को लेकर बयान दिया था। शाह ने कहा कि लड़कियों की शिक्षा, पहनावे और खेलों को लेकर तालिबान का जो बयान आया है, उससे यह यकीन नहीं किया जा सकता कि वो आधुनिककरण की राह पर हैं।
तालिबान का इतिहास हमें उन पर यकीन करने की कोई बुनियाद कायम नहीं करता है। शाह ने कहा कि मुस्लिमों के एक वर्ग पर उनके बयान को लेकर हिन्दू कट्टरपंथियों द्वारा उनका समर्थन किया गया और वो खुश हैं कि एक मुस्लिम दूसरे को कठघरे में खड़ा कर रहा है, लेकिन मुझे उनकी किसी तारीफ की जरूरत नहीं है।