मुंबई: एक्टर कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली शुक्रवार को बांद्रा पुलिस स्टेशन के सामने पूछताछ के लिए पेश हुईं। कंगना और रंगोली के खिलाफ देशद्रोह और अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है। कंगना को सीआरपीएफ जवानों की ‘वाई प्लस' श्रेणी सुरक्षा के बीच पुलिस स्टेशन पहुंचाया गया। इस केस में बॉम्बे हाईकोर्ट ने दोनों बहनों को अग्रिम जमानत दी थी और उन्हें 8 जनवरी को इस मामले में मुंबई पुलिस के सामने पेश होने को कहा था।
बांद्रा पुलिस ने अक्टूबर महीने में दोनों बहनों के खिलाफ एक शिकायत मिलने के बाद केस दर्ज किया था। बहनों पर सोशल मीडिया के जरिए 'सांप्रदायिक अस्थिरता और नफरत फैलाने की कोशिश करने' का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई गई थी। कास्टिंग डायरेक्टर और फिटनेस ट्रेनर मुनव्वर अली सयैद ने कंगना और उनकी बहन के ट्वीट एवं बयान का संदर्भ देते हुए शिकायत दर्ज कराई थी।
उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा- 153ए (अलग-अलग धार्मिक, जातीय समूहों में द्वेष को बढ़ावा देना), धारा-295 ए (जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को भड़काना), धारा-124 ए (देशद्रोह) और धारा-34 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले मुंबई पुलिस ने तीन बार नोटिस जारी कर उन्हें मामले में बयान दर्ज कराने के लिए पुलिस के समक्ष उपस्थित होने को कहा था।
एस एस शिंदे और एम एस कार्णिक की डिवीजन बेंच ने देशद्रोह के केस की धारा लगाने पर सवाल खड़ा किया था। कोर्ट का कहना था कि वो भारतीय दंड संहिता की यह धारा 124ए गलत तरीके से लगाई गई है। कोर्ट ने कहा था कि 'अगर कोई सरकार के रास्ते पर नहीं चलता है तो क्या उसपर देशद्रोह का आरोप लगाया जाएगा?'
एक अधिकारी ने बताया कि बांद्रा पुलिस ने कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल के खिलाफ अक्टूबर में अपनी टिप्पणी के जरिये कथित तौर पर समुदायों में द्वेष पैदा करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी। उन्होंने बताया कि यह प्राथमिकी बांद्रा की मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश पर दर्ज की गई। अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया था कि वह कंगाना रनौत और उनकी बहन के खिलाफ जांच करे। अदालत ने यह आदेश उस शिकायत पर दिया जिसमें आरोप लगाया था कि कंगना और रंगोली सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट के जरिये नफरत फैला रही हैं और सांप्रदायिक तनाव पैदा कर रही हैं।