बंगलूरू: कर्नाटक के टुमकुरु जिले की एक अदालत ने कृषि कानूनों पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को ट्वीट के जरिए निशाना साधने के लिए एक्ट्रेस कंगना रनौत पर शुक्रवार को एफआईआर के निर्देश दिए। वकील एल. रमेश नाइक की तरफ से की गई शिकायत के आधार पर ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास (जेएमएफसी) ने क्याथासांद्रा पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर को कंगना के खिलाफ एफआईआर करने को कहा है।
कोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता ने सीआरपीसी की धारा 155 (3) के तहत आवेदन देकर जांच की मांग की है। नाइक भी क्याथासांद्र से आते हैं, उन्होंने एक्ट्रेस के खिलाफ आपराधिक केस के बारे में बताया कि कोर्ट ने अधिकार क्षेत्र में आने वाले पुलिस स्टेशन से कहा कि वे एक्ट्रेस के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू करें।
कंगना ने 21 सितंबर को अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा था- जिन लोगों ने सीएए पर गलत जानकारी और अफवाहें फैलाईं, जिसकी वजह से हिंसा हुई वही लोग अब किसान विरोधी बिल पर पर गलत जानकारी फैला रहे हैं, जिससे राष्ट्र में डर है। वे आतंकी हैं। नाइक ने कहा कि इस ट्वीट ने ठेस पहुंचाया है, जिसके चलते उन्हें कंगना रनौत के खिलाफ केस फाइल करने पर मजबूत होना पड़ा है।
गौरतलब है कि एक्टर सुशांत सिंह राजपूत मौत को लेकर काफी मुखर रही कंगना अपने बयानों के चलते महाराष्ट्र सरकार के निशाने पर आ गई। मंबई पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीरसे कर दी थी। इसके बाद शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत के साथ ट्विटर पर उनकी जुबानी जंग और तेज हो गई थी।
कंगना जब हिमाचल स्थित अपने घर से चली तो मुंबई पहुंचने से पहले ही बीएमसी ने उनके ऑफिस में बने अवैध निर्माण को ढहा दिया। हालांकि, इस पूरे मामला बॉम्बे होईकोर्ट में अभी सुनवाई चल रही है। कंगना के खिलाफ सुरक्षा खतरा देखते हुए केन्द्र की मोदी सरकार ने उन्हें वाई कैटगरी की सुरक्षा भी मुहैया कराई है।