नई दिल्ली: सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में एम्स के मेडिकल पैनल ने अपनी रिपोर्ट सीबीआई को सौंप दी है। मीडिया रिर्पोटस में सूत्रों के हवाले ये जानकारी दी गई है। डॉ सुधीर गुप्ता की अध्यक्षता वाले पैनल का गठन केंद्रीय जांच ब्यूरो के अनुरोध पर किया गया था ताकि पोस्टमार्टम और विसरा रिपोर्ट का अध्ययन किया जा सके।
सूत्रों ने बताया, "आज एक विस्तृत बैठक हुई, जिसके दौरान एम्स के डॉक्टरों के पैनल ने सीबीआई को अपने निर्णायक निष्कर्ष सौंपे।" सूत्रों ने कहा है कि एम्स पैनल के निष्कर्षों को इस मामले में एक विशेषज्ञ की राय के रूप में लिया जाएगा और डॉक्टर अभियोजन पक्ष के गवाह होंगे।
जानकारी के मुताबिक एम्स की फॉरेंसिक टीम, सीबीआई की टीम और सीएफएसएल के एक्सपर्ट के बीच आज मीटिंग हुई, एम्स की तरफ से 4 डॉक्टर सीबीआई हेडक्वार्टर सुबह 11 बजे पहुंचे, करीब दो घंटो तक चली मीटिंग। हालांकि मीटिंग में क्या कुछ हुआ ये अभी साफ नहीं है। लेकिन ऐसी जानकारी मिल रही है कि एम्स के मेडिकल बोर्ड ने सीबीआई को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को अपने मुंबई के फ्लैट में मृत पाए गए थे। मुंबई पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला बताया था। लेकिन अटकलें थीं कि यह हत्या भी हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी के साथ मामले की जांच कर रही सीबीआई ने कहा कि वह सभी कोणों को कवर कर रही है।
आज एक बयान में एजेंसी सीबीआई (जिसने एम्स के डॉक्टरों से यह देखने के लिए मदद मांगी कि क्या अभिनेता की मौत में कोई बेईमानी का खेल शामिल था। एजेंसी ने कहा कि यह पैनल एक "पेशेवर जांच" कर रहा है। जहां "सभी पहलुओं को देखा जा रहा है और किसी भी पहलू को खारिज नहीं किया गया है।"
सुशांत सिंह राजपूत के परिवार के वकील ने विकास सिंह शुक्रवार को ट्वीट किया, “एसएसआर के आत्महत्या को मर्डर में बदलने के लिए सीबीआई द्वारा निर्णय लेने में देरी से निराश हूं। एम्स टीम का हिस्सा रहे डॉक्टर ने मुझे लंबे समय पहले बताया था कि मेरे द्वारा भेजी गई तस्वीरों में 200% का संकेत है कि यह गला घोंटने से मौत है और आत्महत्या नहीं।" उन्होंने यहां तक दावा किया था कि एम्स पैनल में शामिल एक डॉक्टर ने उनके साथ निष्कर्ष साझा किया था।
हालांकि, एम्स फॉरेंसिक टीम के प्रमुख डॉ सुधीर गुप्ता ने कहा है, "सीबीआई को अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं मिला है... अंतिम बैठक निर्धारित की जानी है। सिर्फ तस्वीरें देखकर कोई निर्णायक राय नहीं बनाई जा सकती थी। हमारी राय स्पष्ट और साक्ष्य के आधार पर निर्णायक होगी।"