ताज़ा खबरें
एलजी ने सीएम आतिशी को केजरीवाल से ‘हजार गुना बेहतर’ बताया
कैशकांड पर विनोद तावड़े ने राहुल-खड़गे-श्रीनेत को भेजा कानूनी नोटिस

नई दिल्ली: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आधार कार्ड रखने वालों को प्लास्टिक कार्ड पर आईडी की छपाई के लिए व्यापारियों द्वारा 200 रुपये लिए जाने के खिलाफ आगाह किया है। यूआईडीएआई ने कहा कि आधिकारिक उपयोग के लिए उसका कागज पर 'प्रिंटआउट' का उपयोग पूरी तरह वैध है। आधार का प्रबंधन करने वाले प्राधिकरण ने ई-बे, फ्लिपकार्ट तथा आमेजन जैसी ई-वाणिज्य कंपनियों को इसको लेकर आगाह किया है। प्राधिकरण ने कहा है कि वे उनके प्लेटफॉर्म के जरिये यह काम करने वाले व्यापारियों को बढ़ावा नहीं दे। प्राधिकरण ने कहा कि अगर कोई इसमें शामिल होता है, तो यह आपराधिक कार्रवाई के अंतर्गत आएगा और उसे जेल की सजा हो सकती है। पेपर आधार कार्ड पर्याप्त यूआईडीएआई के महानिदेशक तथा मिशन निदेशक अजय भूषण पांडे ने एक बयान में कहा, 'आधार कार्ड या साधारण कागज पर प्रिंटेड डाउनलोड किया गया आधार कार्ड सभी कार्यों के लिए पूरी तरह वैध है।

कोलकाता: गैर-चांदी के आभूषण पर उत्पाद शुल्क लगाने के रुख में नरमी लाने से इनकार करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि ऐसे समय में जब कई आवश्यक वस्तुओं पर करों का भुगतान करना जरूरी है, ‘लग्जरी वस्तुएं’ कर के दायरे में बाहर नहीं रह सकती हैं। उल्लेखनीय है कि गैर-चांदी के आभूषण पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क वापस लेने की मांग करते हुए आभूषण निर्माताओं एवं सर्राफा व्यापारियों का एक बड़ा वर्ग एक महीने से अधिक समय से हड़ताल पर है। यहां प्रेस क्लब में संवाददाताओं के साथ बातचीत में जेटली ने कहा, ‘जब सीमेंट, कपड़ा जैसी आवश्यक वस्तुओं के विनिर्माताओं को कर का भुगतान करना पड़ता है तो कोई लग्जरी वस्तु कैसे कर के दायरे से बाहर रह सकती है। यदि हम सोने पर जीएसटी नहीं लाते हैं तो अन्य वस्तुओं पर कर बढ़ाना पड़ेगा।’ उन्होंने कहा कि जब देश जीएसटी की दिशा में बढ़ रहा है ऐसे में लग्जरी वस्तुओं को कर से छूट देने का कोई कारण नहीं बनता।

नई दिल्ली: ईरान के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाते हुए भारत ने वहां तेल एवं गैस के अलावा पेट्रोरसायन तथा उर्वरक परियोजनाओं में 20 अरब डालर के निवेश की तैयारी की है। हालांकि, यह निवेश रियायती अधिकारों के प्रावधान पर निर्भर करेगा। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान 9 अप्रैल से दो दिन की तेहरान यात्रा पर हैं। उन्होंने अपने ईरानी समकक्ष के साथ भारतीय रिफाइनरियों के ईरान के 6.5 अरब डालर के भुगतान पर भी विचार विमर्श किया। हालांकि अभी तक ओवीएल द्वारा खोजे गए फरजाद बी गैस क्षेत्र के विकास के अधिकार को लेकर कोई करार नहीं है। प्रधान ने ईरानी पक्ष को यह भी सूचित किया कि भारतीय कंपनियां वहां 20 अरब डालर का निवेश कर सकती हैं और साथ ही वहां पेट्रोरसायन तथा उर्वरक संयंत्र लगाने की इच्छुक हैं। इनमें से चाहबहार सेज की परियोजनाएं भी हैं। यह संयंत्र भारत और ईरान की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के बीच संयुक्त उद्यम या निजी क्षेत्र के साथ भागीदारी में लगाए जा सकते हैं। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस बारे में प्रधान ने ईरान से सेज में उचित और पर्याप्त जमीन आवंटित करने का आग्रह किया।

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज (रविवार) कहा कि सरकार अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप यूरो-6 मानकों वाले ईंधन की आपूर्ति करने को लेकर प्रतिबद्ध है। सड़क परिवहन, राजमार्ग तथा पोत परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ‘पेट्रोलियम मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप यूरो-6 मानक वाले ईंधन की आपूर्ति करेगा।’ मंत्री ने ईंधन मानकों को किसी प्रकार हल्का किये जाने की आशंका को खारिज करते हुए इसे गलत बताया और कहा कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि दुनिया में यूरो-6 के लिये जो भी मानक तय किये गये हैं, उसकी आपूर्ति यहां हो। वाहन कंपनियों का संगठन सियाम ने हाल ही में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की मसौदा अधिसूचना में घोषित बीएस-6 ईंधन मानकों की आलोचना की और कहा कि इसे हल्का बनाया गया है। सियाम ने आरोप लगाया कि मसौदे में बीएस-6 ईंधन मानक यूरो-6 मानकों की तुलना में हल्का है। इन आरोपों को ‘गलत’ बताते हुए मंत्री ने कहा कि पेट्रोलियम रिफाइनरियां यूरो-6 मानकों वाले ईंधन की आपूर्ति के लिये 80,000 करोड़ रुपये निवेश कर रही हैं। इससे प्रदूषण की समस्या कम होगी जो बड़ी समस्या बन गयी है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख