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नई दिल्ली: वैश्विक तेजी के बीच दिल्ली सर्राफा बाजार में तेजी का दौर तीसरे दिन भी जारी रहा। जहां आज  (शुक्रवार) इसके भाव 350 रुपये की तेजी के साथ 30,000 रुपये मनोवैज्ञानिक स्तर को पार करते हुए 30250 रुपये प्रति दस ग्राम तक जा पहुंचे। जो इसका लगभग दो साल का उच्चतम स्तर है। मौजूदा शादी विवाह सीजन के मद्देनजर में आभूषण निर्माताओं की लगातार मांग से भी कीमतों में उछाल आया। इसी प्रकार औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं का उठाव बढने से चांदी के भाव 600 रुपये की तेजी के साथ 41,600 रुपये प्रति किलो हो गये। बाजार सूत्रों के अनुसार वैश्विक बाजारों में डॉलर के 10 माह के निचले स्तर पर आने के बीच सोना फरवरी के बाद सबसे बडी साप्ताहिक मजबूती और अग्रसर है। सिंगापुर में सोने के भाव 1266,26 डॉलर से बढ कर 1274,24 डॉलर प्रति औंस हो गये। चांदी के भाव 1.7% चढ़कर 17,84 डॉलर प्रति औंस तक जा पहुंचे जो जनवरी 2015 के बाद का उच्चस्तर पर है। दिल्ली में सोना 99,9 और 99,5 शुद्यता के भाव 350 रुपये की तेजी के साथ क्रमश: 30,250 रुपये और 30,100 रुपये प्रति दस ग्राम बंद हुए। इससे पहले यह स्तर मई 2014 को देखा गया था।

नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरूण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि पनामा पेपर्स में जिन-जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उन सभी को नोटिस भेजा गया है और कानून के अनुरूप कार्रवाई की जा रही है। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान किरिट सोमैया के पूरक प्रश्न के उत्तर में जेटली ने कहा कि जिन जिन लोगों के नाम कर चोरी और इससे संबंधित अन्य मामले में सामने आए हैं, उन्हें नोटिस दिया जा रहा और कार्रवाई की जा रही है। सोमैया ने पनामा पेपर्स, महाराष्ट्र से जुड़े मामले और समाचारपत्रों में आए कुछ अन्य मामलों को उठाया था। जेटली ने कहा कि आयकर अधिनियम में यह प्रावधान किया गया है कि इस बारे में की जा रही कार्रवाई का ब्यौरा तब तक सार्वजनिक नहीं किया जा सकता जब तक कि अदालत में मामला दर्ज नहीं हो जाता है। उन्होंने कहा कि पनामा पेपर्स में जिन-जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उन सभी को नोटिस भेजा गया है और कानून के अनुरूप कार्रवाई की जा रही है। प्रश्नकाल के दौरान ही भर्तृहरि माहताब ने सवाल किया कि सरकार बनने के बाद सबसे पहला काम किया गया था कि सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया था।

नई दिल्ली: रेलवे ने मूल माल ढुलाई सेवा पर 15 प्रतिशत व्यस्त सीजन शुल्क (बीएससी) एक मई से वापस लेने की घोषणा की है। माल ढुलाई भाड़े को युक्तिसंगत बनाने की पहल के तहत यह कदम उठाया गया है। व्यस्त सीजन शुल्क वापस लेने का निर्णय एक मई से 30 जून 2016 तक लागू होगा। यह ढके हुए डिब्बों पर लागू होगा। बीएससी वापस लिए जाने की घोषणा करते हुए शुक्रवार को रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा, 'हम माल ढुलाई में सड़क क्षेत्र से पिछड़ रहे हैं। हम माल-भाड़े को युक्तिसंगत बनाकर इसे फिर से प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं।' मौजूदा नीति के तहत यह शुल्क कम व्यस्त सीजन जुलाई से सितंबर तक नहीं लगाया जाता है। प्रभु ने कहा कि अगर हम लदान की मात्रा बढ़ाते हैं, आय भी बढ़ेगी। ऐसा अनुमान है कि बीएससी वापस लिए जाने से लदान में करीब 60 से 70 लाख टन की वृद्धि होगी।

नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2015-16 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) जमा पर 8.8 प्रतिशत की दर से ब्याज दिए जाने को मंजूरी दे दी है। पहले सरकार ने 8.7 प्रतिशत की दर से ब्याज देने का फैसला किया था, जिसे ट्रेड यूनियनों विपक्षी पार्टियों के विरोध के चलते सरकार को बदलना पड़ा। केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने ब्याज दर बढ़ोतरी की घोषणा की। दत्तात्रेय ने कहा, 'मुझे खुशी है कि वित्त मंत्रालय 8.8 प्रतिशत की ब्याज दर देने पर सहमत हो गया है।' कर्मचारी यूनियनों ने आज ही वित्त मंत्रालय द्वारा ब्याज दर को घटाकर 8.7 प्रतिशत किए जाने के फैसले के विरोध में राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की थी। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने 2015-16 के लिए भविष्य निधि पर 8.8 प्रतिशत ब्याज देने का निर्णय किया था, जिसे वित्त मंत्रालय ने घटाकर 8.7 प्रतिशत कर दिया था। यह तीसरा मौका है, जब सरकार को वार्षिक बजट में ईपीएफ से जुड़े प्रस्ताव को वापस लेना पड़ा है। इससे पहले ईपीएफ निकासी पर टैक्स लगाने और ईपीएफ खाते में नियोक्ता द्वारा जमा राशि को निकालने के लिए कर्मचारियों की आयुसीमा बढ़ाकर 58 वर्ष किए जाने के प्रस्ताव को भी भारी विरोध के बाद वापस लेना पड़ा था।

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