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लंदन: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने पाया कि भारत में अपना आयकर रिटर्न भरना अमेरिका की तुलना में कहीं आसान है। उन्होंने शिकागो बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में एक संवाद में यह बात कही। ‘मैंने पाया कि मेरे लिए भारत में आयकर रिटर्न दाखिल करना अमेरिका में अपना आयकर दाखिल करने से अधिक आसान है।’ भारत में भ्रष्टाचार में संबंधी एक सवाल पर उन्होंने कहा कि देश में इसमें बहुत कमी आई है। उन्होंने इसके लिए रेलवे टिकटिंग व कर विभाग का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि प्रौद्योगिकी ने मदद की है। उदाहरण के लिए हमने ऑटोमेटेड रेलवे टिकटिंग शुरू की और वहां भ्रष्टाचार में बहुत कमी आई। अब दलाल सारी टिकटों पर कब्जा कर उन्हें अलग से नहीं बेचते। आयकर विभाग का भी ऑटोमेशन किया गया है।’ उन्होंने कहा, ‘आपको अपना धन वापस पाने के लिए आयकर निरीक्षक के पास नहीं जाना पड़ता।

लंदन: फंसे कर्ज की समस्या से पार पा लेने का भरोसा जताते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने शुक्रवार को कहा कि भारत में ‘लेहमेन ब्रदर्स की तरह किसी बैंक के ढहने की गुंजाइश’ नहीं है और घरेलू अर्थव्यवस्था को बाहरी दबावों से बचाने के लिए तीन स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया जा रहा है। इसके साथ ही राजन ने सार्वजनिक बैंकों के तत्काल निजीकरण की सभी मांगों को खारिज कर दिया और कहा कि उनके बैलेंस शीट को साफ किए जाने की जरूरत है क्योंकि अगर बैलेंस शीट सही साफ नहीं हुई तो कोई भी निजी निवेशक आगे नहीं आएगा। नीतिगत ब्याज दरों में कटौती को लेकर कुछ ज्यादा ही ‘सावधानी’ बरतने के लिए आलोचना का सामना करने वाले राजन ने संकेत दिया है कि वृद्धि को बल देने के लिए दरों में कटौती ही एक मात्र उपाय नहीं है। यहां सीएनबीसी न्यूज चैनल को दिये एक साक्षात्कार में राजन ने कहा, 'मेरी राय में अर्थव्यवस्था के लिए सुरक्षा दीवार बनाने के लिए हम जो वास्तविक प्रयास कर रहे हैं उनमें पहला अच्छी नीतियों के साथ सुधार जो हमने हाल ही में लागू किए हैं। दूसरा हमारे ऋण की परिपक्वता को बढ़ाने की कोशिश है। हमने अपने ऋण, बाह्य ऋण की परिपक्वता काफी बढ़ाई है। तीसरा अपने आरक्षित भंडार बनाया है।’

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) नीति को मंजूरी दे दी। इसे सृजनात्मकता, नवोन्मेष और उद्यमिता को प्रोत्साहन देने के लिए और ट्रेडमार्क पहचान की रक्षा के लिए बनाया गया है। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि गुरुवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान इस पर फैसला लिया गया। उन्होंने कहा, "भारत का बौद्धिक संपदा अधिकार कानून व्यापक और विश्व व्यापार संगठन के अनुरूप है। नई बौद्धिक संपदा अधिकार नीति को लागू करने में कानून में किसी प्रकार के बदलाव की जरूरत नहीं होगी।" उन्होंने कहा कि नई नीति औद्योगिक नीति संवर्धन विभाग द्वारा नियुक्त एक विशेषज्ञ समूह की सिफारिशों के आधार पर बनाई गई है जिसे सचिवों के एक समूह ने दोबारा जांचा-परखा है। वित्तमंत्री ने कहा कि यह नीति कई क्षेत्रों में 'अनिवार्यता' को प्रोत्साहित करेगी, जिनमें फार्मा, संगीत और साहित्य आदि शामिल हैं। आज के बाद इसकी निगरानी और देखरेख औद्योगिक नीति संवर्धन विभाग द्वारा की जाएगी, न कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा। जैसा कई मामलों में हुआ था। उन्होंने कहा, "नई आईपीआर नीति के सात बुनियादी उद्देश्य हैं। इसमें पर्याप्त जागरूकता पैदा करना, प्रशासन, प्रवर्तन और आईपीआर कानूनों के तहत न्यायिक निर्णय शामिल हैं।"

लंदन: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रघुराम राजन ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, भारत के मौद्रिक नीति तैयार करना एक खेल जैसा आसान कार्य है। लेकिन दिक्कत तब आती है जब किसी मसले पर राजनीतिक मंजूरी लेनी होती है। ऐसी स्थिति में हमें नीति तैयार करते समय थोड़ी चालाकी भी बरतनी पड़ती है। छात्रों को संबोधित करते हुए राजन ने कहा, देश की वित्तीय नीति तैयार करते समय राजनीतिक व्यवधानों को पार करने के लिए आप बहुत तीखा रुख नहीं अपना सकते, इसके लिए जरूरी हो जाता है थोड़ी चालाकी भरा कदम उठाना। राजन ने कल शाम कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के छात्रों को संबोधित करते हुए बताया कि भारत जैसे तेजी से बढ़ते बाजार वाले देश की अर्थव्यवस्था से जुड़ा कार्य कितना कठिन है और समझदारी भरा भी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने मजाक भरे लहजे में कहा, वित्तीय नीति तैयार करना बहुत आसान है, लेकिन इस नीति को लागू करना बहुत कठिन होता है।

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