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नई दिल्ली: भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन पर फिर से हमला बोले जाने के बीच वित्त मंत्री अरूण जेटली ने गुरुवार को कहा कि वे रिजर्व बैंक गर्वनर सहित किसी के भी खिलाफ ‘व्यक्तिगत टिप्पणियों’ को मंजूरी नहीं देते। जेटली ने यहां कहा, ‘मैं रिजर्व बैंक गवर्नर सहित किसी के भी खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणियों को स्वीकार नहीं करता।’ जेटली से बीते कुछ महीनों में राजन पर किये जा रहे लगातार हमलों और सरकार की तरफ से उन्हें बचाने की कोशिशों के बारे में पूछा गया था। जेटली ने कहा कि रिजर्व बैंक एक महत्वपूर्ण संस्थान है जो अपने फैसले खुद करता है। जेटली ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा, ‘कोई भी उनके फैसलों से सहमत या असहमत हो सकता है लेकिन वह मुद्दों पर बहस की बात है। लेकिन मुझे नहीं लगता कि हमें ऐसी सार्वजनिक बहस की अनुमति देनी चाहिए जहां बहस मुद्दों पर केंद्रित होने के बजाय व्यक्तियों पर केंद्रित हो।’ जेटली ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक और सरकार के बीच लगातार संवाद है और यह रिश्ता चलता रहेगा। उल्लेखनीय है कि भाजपा नेता स्वामी ने हाल ही में राजन पर हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्हें हटाने की मांग की थी। स्वामी ने आरोप लगाया कि राजन मानसिक रूप से पूरी तरह भारतीय नहीं हैं और उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को जानबूझकर नुकसान पहुंचाया।

नई दिल्ली: सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की बीमा योजना के तहत अधिकतम बीमित राशि को लगभग दोगुना कर छह लाख रुपये कर दिया है। ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी मंडल (सीबीटी) ने सितंबर में कर्मचारी जमा सम्बद्ध बीमा (ईडीएलआई) योजना के तहत लाभ को 3.6 लाख रुपये से बढ़ाकर छह लाख रुपये करने का फैसला किया था। लेकिन श्रम मंत्रालय योजना में संशोधन के लिए अधिसूचना जारी नहीं कर सका क्योंकि यह विधि मंत्रालय में अटक गई थी। श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने सामाजिक सुरक्षा में प्रशिक्षण व अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय अकादमी (एनएटीआरएसएस) के लिए आधुनिकीकरण योजना की शुरुआत के अवसर पर संवाददाताओं को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, 'ईडीएलआई राशि को बढ़ाने संबंधी अधिसूचना जारी कर दी गई है। यह (अधिकतम बीमित राशि) 3.6 लाख रुपये से बढ़ाकर छह लाख रुपये की गई है।' उन्होंने कहा कि इसके अलावा 2015-16 के लिए ईपीएफओ अंशधारकों को 8.8 प्रतिशत ब्याज देने संबंधी फैसले को भी अधिसूचित कर दिया गया है।

हैदराबाद: एक स्थानीय अदालत ने संकट में फंसे उद्योगपति विजय माल्या के खिलाफ दो चेक बाउंस मामलों में अपना आदेश 6 जून तक टाल दिया है। जीएमआर हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. ने माल्या के खिलाफ यह मामला दायर किया था। विशेष मजिस्ट्रेट अदालत 3 ने 9 मई को इस मामले में माल्या को सजा की मात्रा तय करने के लिए आज की तारीख तय की थी। माल्या को दो चेक बाउंट मामलों में दोषी पाया गया है। इससे पहले 20 अप्रैल को अदालत ने माल्या को 50-50 लाख रुपये के दो चेक बाउंस मामलों में नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट कानून के तहत दोषी पाया था। अदालत ने माल्या के खिलाफ वॉरंट जारी कर उन्हें पेश करने को कहा था। माल्या इस समय विदेश में हैं ऐसे में वह अदालत में उपस्थित नहीं थे। मुंबई पुलिस ने अदालत को दी रिपोर्ट में कहा है कि माल्या के खिलाफ वॉरंट तामील नहीं हो पाया क्योंकि जो पता दिया गया है उसे बैंक ने सील कर दिया है और वहां किंगफिशर का कोई अधिकारी या कर्मचारी नहीं था। इससे बाद विशेष मजिस्ट्रेट की अदालत 3 के जज एम कृष्ण राव ने मामले को 6 जून तक टालते हुए शिकायतकर्ता को आरोपी का नया सही पता देने को कहा जिससे नए वॉरंट जारी किए जा सकें।

मुंबई: बैंकों द्वारा कंपनियों पर डूबे कर्ज के निपटान के लिए गैर प्रमुख संपत्तियों की बिक्री के लिए दबाव डाला जा रहा है। ऐसे में एसबीआई की शोध शाखा का मानना है कि पुराने कर्ज को निपटाने की प्रक्रिया के तहत भारतीय उद्योग 2,000 अरब रुपये की परिसंपत्तियों की बिक्री करेंगे। एक नोट में इसने कहा है, ‘हमारा अनुमान है कि ऋण के बोझ से दबी कंपनियों द्वारा 2 लाख करोड़ रुपये की संपत्तियों की बिक्री या तो पाइपलाइन में है या फिर उसे पहले ही पूरा किया जा चुका है। इन कंपनियों पर करीब 10 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है।’ नोट में कुछ हालिया उदाहरण दिए गए हैं जिनमें सांघी इंडस्ट्रीज, इंडो काउंट इंडस्ट्रीज, गिन्नी फिलामेंट्स तथा हल्दिया पेट्रोकेमिकल्स जैसी कंपनियां कॉरपोरेट ऋण पुनर्गठन की प्रक्रिया से निकल गई हैं। इस मामले में इन कंपनियों की मददगार अल्ट्राटेक, पीरामल तथा सनफार्मा के प्रवर्तक रहे। वर्ष 2015 में करीब 270 कंपनियों का ऋण बोझ 47,813 करोड़ रुपये घटा है। एसबीआई रिसर्च के नोट में ऋण के बोझ से दबे लैंको समूह द्वारा अपने कर्ज को घटाने के लिए संपत्तियों की बिक्री का जिक्र किया गया है।

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