ताज़ा खबरें
महाराष्ट्र के नतीजे पर उद्धव बोले- 'यह सिर्फ एक लहर नहीं, सुनामी थी'
संसद में वायनाड के लोगों की आवाज बनूंगी: चुनाव नतीजे के बाद प्रियंका
झारखंड में 'इंडिया' गठबंधन को मिला बहुमत, जेएमएम ने 34 सीटें जीतीं
पंजाब उपचुनाव: तीन सीटों पर आप और एक पर कांग्रेस ने की जीत दर्ज

मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आईडीबीआई बैंक के रिण चूक मामले में शराब कारोबारी विजय माल्या की 1,411 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी ने कहा, हमने मनी लांड्रिंग रोधक कानून के तहत विजय माल्या और यूबी लि़ की 1,411 करोड़ रुपये (बाजार मूल्य के हिसाब से) की संपत्तियां कुर्क की हैं। माल्या की अस्थायी रूप से कुर्क संपत्तियों में 34 करोड़ रुपये की बैंक जमा, बेंगलुर और मुंबई में एक-एक फ्लैट (2,291 वर्ग फुट तथा 1,300 वर्ग फुट), चेन्नई में एक औद्योगिक प्लाट (4.5 एकड़), कुर्क में एक कॉफी बागान (28.75 एकड़), यूबी सिटी में एक आवासीय तथा वाणिज्यिक निर्मित क्षेत्र तथा बेंगलुर में किंगफिशर टावर (84,0279 वर्ग फुट) शामिल है। इन संपत्तियों की कुर्की आईडीबीआई बैंक के 900 करोड़ रुपये के रिण चूक या डिफाल्ट मामले में की गई है। माल्या की ठप विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस पर विभिन्न बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। माल्या दो मार्च को भारत से बाहर चले गए थे। एजेंसी ने सीबीआई द्वारा पिछले साल दायर एफआईआर के आधार पर माल्या और अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला दायर किया है। एजेंसी किंगफिशर एयरलाइंस के वित्तीय ढांचे की भी जांच कर रही है और यह भी पता लगा रही है कि कर्ज हासिल करने के लिए कहीं रिश्वत तो नहीं दी गई थी।

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को मुंबई की एक विशेष पीएमएलए अदालत का रूख कर शराब कारोबारी विजय माल्या को भगोड़ा घोषित करने की मांग की है। एक कथित बैंक कर्ज फर्जीवाड़े के मामले में माल्या के खिलाफ की जा रही धनशोधन की जांच के सिलसिले में ईडी ने उन्हें भगोड़ा घोषित करने की मांग की है। अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी ने अदालत से अनुरोध किया है कि वह सीआरपीसी की धारा 82 के तहत एक आदेश पारित कर माल्या को भगोड़ा घोषित कर दे, क्योंकि उनके खिलाफ बहुत सारे गिरफ्तारी वॉरंट लंबित हैं। इसमें धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत जारी किया गया एक गैर-जमानती वॉरंट भी शामिल है। उन्होंने बताया कि अदालत ईडी की अर्जी पर 13 जून को आदेश पारित कर सकती है। अधिकारियों ने बताया, ‘माल्या के खिलाफ विभिन्न मामलों में बहुत सारे गिरफ्तारी वॉरंट लंबित पड़े हैं जिसमें चेक बाउंस का भी एक मामला है और धनशोधन के मामले में भी उनकी तलाश है। एजेंसी ने मामले की जांच की स्थिति से अदालत को अवगत करा दिया है और माल्या को जांच में शामिल होने की जरूरत है।’ उन्होंने बताया कि इस मामले में मुंबई की उसी विशेष पीएमएलए अदालत का रूख किया गया है जिसने पिछले दिनों माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी किया था।

नई दिल्‍ली : महंगाई बढ़ने के संकेतों और वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल के बढ़ते दामों के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को द्वैमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा जारी करते हुए नीतिगत ब्‍याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। जानकारी के अनुसार, आरबीआई ने ब्‍याज दरों में यथास्थिति बनाए रखा। ऐसे में अब ईएमआई में बदलाव और इसमें बढ़ोतरी की संभावना नहीं है। आरबीआई ने मुख्य नीतिगत दर 6.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखी। रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में बदलाव नहीं किया गया। आरबीआई के अनुसार, अप्रैल के मुद्रास्फीति आंकड़े से इसकी भावी दिशा कुछ अनिश्चित हो गई है। आरबीआई ने कहा कि मौद्रिक नीति का रुख उदार बना हुआ है। आरबीआई ने कॉरपोरेट मुनाफे और खपत में बढ़ोतरी का उल्लेख करते हुए 2016-17 के लिए आर्थिक वृद्धि का अनुमान 7.6 प्रतिशत पर बरकरार रखा। रिजर्व बैंक ने कहा कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और सातवें वेतन आयोग के लागू होने पर मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी का जोखिम है। रिजर्व बैंक जल्दी ही बैंकों की ओर से ऋण की सीमांत लागत दर के ढांचे के कार्यान्वयन की समीक्षा करेगा। आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि महंगाई बढ़ने की आशंका से रेट में कटौती नहीं की गई। खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि यदि हालात सुधरे तो ब्‍याज दरों में कटौती संभव है।

ओसाका (जापान): सार्वजनिक क्षेत्र के दस बैंकों को मार्च की तिमाही में 15,000 करोड़ रुपये से अधिक का घाटा होने के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैंकों को अधिक वित्तीय समर्थन का वादा किया है और चेताया है कि बैंकरों को परेशानी में डालने वाले चूककर्ताओं (डिफाल्टरों) को चैन की नींद सोने की छूट नहीं दी जा सकती। जेटली ने इसके साथ ही इन सुझावों को भी खारिज कर दिया कि सार्वजनिक बैंकों का भारी घाटा ‘कंकाल निकलने’ के समान है। उन्होंने कहा कि इन बैंकों की गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) कुछ क्षेत्रों में व्यापार संबंधी घाटे के कारण हैं न कि घपलों के कारण। जेटली निवेश आकर्षित करने के लिए छह दिन की यात्रा पर जापान आए हुए थे। उन्होंने कहा कि उक्त घाटा फंसे कर्ज के लिए प्रावधान के कारण हुआ और एसबीआई व पीएनबी सहित ज्यादातर बैंकों ने परिचालनगत स्तर पर अच्छा मुनाफा कमाया। वित्त मंत्री ने कहा,‘ इन बैंकों की बैलेंस शीट देखें। पीएनबी ने परिचालन के आधार पर अच्छा मुनाफा कमाया, एसबीआई को अच्छा मुनाफा रहा। केवल पूंजीगत प्रावधानों के कारण ही यह घाटे की तरह नजर आ रहा है।’ उन्होंने कहा कि एनपीए या फंसा हुआ कर्ज हमेशा से ही रहा है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख