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नई दिल्ली: रेस्टोरेंट में खाना खाने वालों के लिए अच्छी खबर है। अब आपको जबरन सर्विस चार्ज देने से छुटकारा मिल जाएगा। आमतौर पर रेस्टोरेंट में खाना खाने के बाद जब बिल आता है तो उसमें कई तरह के चार्जेज शामिल रहते हैं। इसमें सर्विस चार्ज भी शामिल होता है। ग्राहकों से लिए जाने वाला ये सर्विस चार्ज पूरी तरह गलत है। इस पर पिछले कई दिनों से बहस चल रही थी। अब इस मामले पर फैसला आ गया है। सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी यानी सीसीपी (सीसीपीए) ने सोमवार को फैसला सुनाया कि होटल और रेस्तरां फूड बिल पर ऑटोमेटिक या डिफ़ॉल्ट किसी भी तरह से सर्विस चार्ज नहीं लगा सकते हैं।

बता दें कि बढ़ती शिकायतों के बीच, सीसीपीए ने सर्विस चार्ज लगाने के संबंध में अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस और उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन को रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। नए नियम के मुताबिक, कोई भी होटल या रेस्टोरेंट किसी ग्राहक को सर्विस चार्ज देने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है। उन्हें उपभोक्ता को साफ तौर से सूचित करना होगा कि सेवा शुल्क स्वैच्छिक, वैकल्पिक और उपभोक्ता के विवेक पर है।

यानी सर्विस चार्ज देना या ना देना ग्राहकों पर निर्भर करेगा, इसके लिए रेस्टोरेंट जबरदस्ती नहीं कर सकते हैं।

जबरन सर्विस चार्ज लेने पर ग्राहक कर सकते हैं शिकायत

दिशानिर्देश में कहा गया है, "सर्विस चार्ज कलेक्शन के आधार पर सेवाओं के प्रवेश या प्रावधान पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा।" सीसीपीए ने कहा कि अगर कोई होटल/रेस्टोरेंट ग्राहकों से जबरन सर्विस शुल्क लेता है तो वह नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन नंबर 1915 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा ग्राहक, कंज्यूमर आयोग के पास ई-दखिल शिकायत दर्ज करा सकता है। ग्राहक जिला कलेक्टर के पास भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं और जांच के बाद डीसी मामले को आगे की कार्रवाई के लिए सीसीपीए को भेज सकते हैं।

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